M K Stalin के डीएमके सरकार बनाने का रास्त साफ

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M K Stalin तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने जा रहे DMK अध्यक्ष ने रविवार को राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनके लिए ईमानदारी से काम करेंगे.

चेन्नई/नई दिल्ली:LNN:MK Stalin डीएमके अध्यक्ष ने राज्य के 234 विधानसभा क्षेत्रों में से 121 में अग्रणी है और अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो उनका सरकार बनाने का रास्त साफ हो सकता है.

डीएमके तमिलनाडु में 10 साल बाद 2021 के विधानसभा चुनावों में जोरदार जीत की ओर अग्रसर की अगुवाई वाले गठबंधन की जीत होने वाली है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनने जा रहे DMK अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनके लिए ईमानदारी से काम करेंगे.


M K Stalin स्टालिन ने उनकी पार्टी को छठी बार तमिलनाडु पर शासन करने का जनादेश देने को लेकर राज्य के सभी लोगों के प्रति ‘हार्दिक धन्यवाद’ प्रकट किया.

पार्टी के नेतृत्व वाला मोर्चा 143 विधानसभा क्षेत्रों (कांग्रेस 15, सीपीआई और सीपीआई-एम दो प्रत्येक, वीसीके तीन) में आगे चल रही है, जिसके लिए 6 अप्रैल को मतदान हुआ था.

दूसरी ओर, एआईएडीएमके के नेतृत्व वाला मोर्चा 90 निर्वाचन क्षेत्रों (एआईएडीएमके 81, बीजेपी 3 और पीएमके 6) पर आगे चल रहा है.

 स्टालिन ने कहा, “डीएमके के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है.”

तमिलनाडु में अब स्टालिन युग की शुरुआत हो चुकी है. राज्य में द्रविड़ राजनीति के सबसे बड़े हीरो के तौर पर MK Stalin स्टालिन की अगुवाई में डीएके गठबंधन तमिलनाडु में अगली सरकार बनाने जा रही है.

जबकि, पहली बार राज्य की राजनीति के दो बड़े दिग्गज जयललिता और एम. करूणानिधि के बिना लड़े गए इस बार के चुनाव में सत्ताधारी एआईएडीएमके को करारी शिकस्त मिली है.

राज्य में अब स्टालिन युग की शुरुआत हो चुकी है. तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र काषगम (डीएमके) के इस शानदार प्रदर्शन के बाद स्टालिन राज्य में एक पॉपुलर नेता के रूप में लोगों के बीच अपनी जगह बना सकते हैं.


इस बार के चुनाव में स्टालिन के अलावा और भी कई मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर उतरे थे, जिनमें एआईएडीएमके के ई. पलानीस्वामी, एएमएमके के टीवीवी दिनाकरण और एमएनएम के कमल हासन थे.

उन्होंने कहा, “अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन की आगे हैं, यह स्पष्ट है कि पार्टी अगली सरकार बनाएगी.”

अन्नाद्रमुक के पूर्व सांसद के.सी. पलानीसामी ने बताया, एआईएडीएमके, लगभग 60 सीटों पर उसके उम्मीदवारों और प्रतिद्वंद्वियों के बीच वोट का अंतर कम है और बाद में बढ़त मिल सकती है.

चुनाव में जीत के साथ, डीएमके कार्यकर्ता यहां पार्टी मुख्यालय में इकट्ठे हुए और पटाखे फोड़कर और नाच रहे हैं. कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का कोई पालन नहीं किया.

द्रविड़ राजनीति पार्टी डीएमके के पार्टी के कार्यकर्ता काफी खुश हैं क्योंकि डीएमके को बढ़त बनाए रखने की उम्मीद है और आखिरकार एक दशक के बाद राज्य में सत्ता पर कब्जा करने के लिए चुनाव जीता.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, द्रमुक ने 37.2 प्रतिशत मत प्राप्त किए और सहयोगी दलों के साथ, यह लगभग 43 प्रतिशत था, जबकि अन्नाद्रमुक को 33.5 प्रतिशत और गठबंधन के साथ-साथ यह लगभग 41 प्रतिशत था.

राजनीतिक विश्लेषक ने नाम ना छापने को प्राथमिकता देते हुए आईएएनएस को बताया, “एआईएडीएमके ने इसके विपरीत उम्मीदों और भविष्यवाणियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है.

पार्टी के पास दोहरे नेतृत्व (समन्वयक ओ पन्नीरसेल्वम, संयुक्त समन्वयक के पलानीसामी) और राज्य में भाजपा विरोधी भावनाओं का मुद्दा था.”

उनके अनुसार, एआईएडीएमके 60-70 सीटों पर रुक सकती है जो एक सराहनीय प्रदर्शन है.

वह इस बात से सहमत नहीं थे कि 2019 के लोकसभा चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत में विधानसभा चुनाव की जीत का विस्तार था.

2019 में तमिलनाडु में मोदी विरोधी लहर थी.

विश्लेषक ने कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों में, स्टालिन केंद्र के निशाने पर थे, लेकिन अन्नाद्रमुक को हटाने के लिए उनके पक्ष में कोई लहर नहीं थी.

इस विधानसभा चुनाव का एक दिलचस्प पहलू एनटीके पार्टी है जो डीएमके और एआईएडीएमके के बाद कई निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरी ताकत बनकर उभरी है.

विश्लेषक ने कहा, एनटीके करीब सात फीसदी वोट शेयर में बढ़ोतरी कर सकता है.


पलानीसामी और राजनीतिक विश्लेषक इस बात पर एकमत थे कि वी के शशिकला और उनके भतीजे और एएमएमके नेता टी.टी.वी. धिनकरन अब कमजोर ताकत हैं और अन्नाद्रमुक के लिए खतरा नहीं हो सकते.

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