नई दिल्ली: Subedar Neeraj Chopra ने Tokyo Olympic में जेवलिन थ्रो में कमाल कर दिया और भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा कर दिखाया.
ओलंपिक के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय एथलीट ने एथलिटिक्स में मेडल जीतने का कारनामा कर दिखाया.
Subedar Neeraj Chopra ने जेवलिन थ्रो के फाइनल इवेट में अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर अपने नाम को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया.
फाइनल में नीरज का यह बेस्ट परफॉर्मेंस था,
जिसके आधार पर वो गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहे.
नीरज के शानदार खेल ने उनको भारत देश का चहेता बना दिया है.
नीरज एक शानदार एथलीट है,
तो दूसरी ओर भारतीय सेना में भी सूबेदार भी हैं.
Subedar Neeraj Chopra के जिन्दगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें:-
- भारतीय सेना में नीरज चोपड़ा 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं.
साल 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया.
वह चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक हैं.
- नीरज हरियाणा के एक किसान के बेटे हैं,
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह एथलीट को 6 करोड़ रुपये से सम्मानित करेगी.
- ओलंपिक में सूबेदार नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम जीत भारतीय सेना के लिए गौरव की बात है,
उन्होंने ओलंपिक में एक सच्चे सैनिक की तरह प्रदर्शन किया.
यह वास्तव में भारतीय सशस्त्र बलों सहित पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है.
उन्हें बहुत-बहुत बधाई, ”रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीरज के लिए ट्वीट किया.
- नीरज चोपड़ा साल के चौथे सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ ओलंपिक में आए,
शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में सफल रहे.
वहीं, फाइनल में मेडल के सबसे बड़े दावेदार जर्मनी के थ्रोअर जोहान्स वेटर फाइनल ऱाउंड में क्वालीफाई करने में असफल रहे.
उन्होंने गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों में जीत हासिल की.
- नीरज एथलेटिक्स में जूनियर विश्व एथलीट का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय हैं,
जब उन्होंने पोलैंड में 2016 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीता
- ओलंपिक की आधिकारिक वेबसाइट पर उनके बायो के अनुसार,
उन्होंने हरियाणा में लोगों को स्टेडियम में भाला फेंकने का अभ्यास करते हुए देखकर प्रेरित होकर,
साल 2011 में इस खेल को अपनाया था.
- थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने सूबेदारों ने नीरज चोपड़ा को ओलंपिक में 87.58 मीटर की थ्रो के साथ भाला फेंक में,
देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाने पर बधाई दी,
सेना ने अपने आधिकारिक हैंडल से इस बात को लेकर ट्वीट किया है.
- नीरज के अलावा एथेंस ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौर,
2012 लंदन ओलिंपिक के कांस्य शूटर विजय कुमार भी भारतीय सेना से जुड़े रहे थे.
महान धावक मिल्खा सिंह भी अपने करियर के दौरान सेना से थे.
मेजर ध्यानचंद भी सेना का हिस्सा रहे थे.
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चोपड़ा की जीत मौजूदा टोक्यो ओलंपिक में भारत का पहला गोल्ड मेडल है.
बीजिंग 2008 में अभिनव बिंद्रा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद,
यह ओलंपिक इतिहास में देश का दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल है.