Solar Eclipse : सूर्य ग्रहण पर शनि जयंती का 148 साल बाद बना संयोग

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Solar Eclipse

सूर्य ग्रहण में नहीं होगा सूतक मान्य

Solar Eclipse : 10 जून 2021 दिन गुरुवार को 148 साल बाद शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है.

इससे पहले 26 मई 1873 को ऐसा संयोग बना था.



पंचांग के अनुसार, 10 जून 2021 को वट सावित्री व्रत भी होगा.

विशेषज्ञों की मानें तो भारत के दो शहर में सूर्य ग्रहण दिखेगा.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं.

26 मई को वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब जून के महीने में इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है.

कहा जा रहा है कि इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण नवंबर के महीने में वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण दिसंबर के महीने में लगेगा.


सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य का बिम्ब चंद्रमा से छुप जाता है.

इस घटना के दौरान, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं.

सूर्य ग्रहण काल में कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं.

यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से भारत में दिखने वाला है.

Solar Eclipse प्रारंभ: 10 जून को दोपहर 01:42 बजे होगा.

Solar Eclipse समाप्त: – 10 जून को शाम 06:41 बजे होगा.

कई ज्योतिषि‍यों के अनुसार, इस बार सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दिखने वाला है जिसके वजह से कई जगहों पर यह सूर्य ग्रहण नहीं दिख सकेगा.

इसलिए यह कहा जा रहा है कि इस बार को सूतक काल मान्य नहीं होगा .


Solar Eclipse : भारत में यह सूर्य ग्रहण अरुणाचल प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम 5 बजकर 52 तक देखा जाएगा.

वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में शाम 6 बजकर 15 मिनट पर सूर्यास्त होगा. वहीं, 6 बजे यहां सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा,

यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग तथा यूरोप और एशिया में आंशिक तौर पर दिखाई देगा.

वहीं उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में यह सूर्य ग्रहण पूर्ण रूप से नजर आएगा.

अगर भारत की बात करें तो यह आंशिक रूप में ही दिखाई देगा.

भले ही सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है मगर भारत में इसे धार्मिक पहलू के हिसाब से देखा जाता है.

यह ग्रहण अशुभ माने गए हैं इसीलिए ग्रहण काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.


ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं इस दौरान अपने इष्ट देव के मंत्र का जाप करना,

भगवान का मंत्र जाप भी करते रहना चाहिए . तथा इस समयावधि में खाना और पीना भी वर्जित होता है.

ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने के लिए कहा जाता है.

इस दौरान लोग बचे हुए खाने पर या बचे हुए खाने की वस्तुओं पर तुलसी के पत्ते रख देते हैं. मान्यताओं के अनुसार,

जब ग्रहण काल समाप्त हो जाता है तब घर को साफ-सुथरा करके गंगाजल छिड़कना चाहिए.

किसी भी नए कार्य की शुरूआत नहीं करनी चाहिए

घर या दफ्तर में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.

ग्रहण के दौरान नाखून, बाल, दाढी काटने से बचना चाहिए, कंघी करना भी वर्जित होता है.

ग्रहण के समय सोने की भूल नहीं करनी चाहिए.

साथ में चाकू या धारदार चीजों को नहीं रखना चाहिए.

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