E-cigarette मोदी सरकार ने लगाया बैन

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E-cigarette या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी-चालित डिवाइस होती है, जो तम्बाकू या गैर-तम्बाकू पदार्थों की भाप को सांस के साथ भीतर ले जाती है

नई दिल्ली:LNN: E-cigarette के उत्पादन और बिक्री पर केंद्र सरकार ने पूरी तरह से बैन लगाने का फैसला किया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

E-cigarette, कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समाज में एक नई समस्‍या को जन्‍म दे रहा है और बच्‍चे इससे अपना रहे हैं

निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट को बनाना, आयात/निर्यात, बिक्री, वितरण, स्‍टोर करना और विज्ञापन करना सब पर प्रतिबंध होगा.

दरअसल, केंद्र सरकार ने यह अहम फैसला भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा ई-सिगरेट को लेकर जारी किये गए एक व्हाइट पेपर के बाद लिया है.

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ICMR ने मई में जो व्हाइट पेपर जारी किया था, उसमें ई-सिगरेट या इंड्स (Electronic Nicotine Delivery System) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी.

ICMR द्वारा जारी किये गए व्हाइट पेपर में ई-सिगरेट के तमाम दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही गई है.

साथ ही यह भी बताया गया है कि ई-सिगरेट को लेकर युवाओं में भ्रम है कि इसका दुष्प्रभाव नहीं होता है, जबकि ऐसा नहीं है.

E-cigarette स्वास्थ्य के लिए ये उतना ही हानिकारक है जितना साधारण सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पाद.

व्हाइट पेपर में कहा गया है, ‘वर्तमान में मौजूद डाटा और तमाम अध्ययन के बाद काउंसिल इस निष्कर्ष पर पहुंची है.

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पब्लिक हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ई-सिगरेट और दूसरे इंड्स प्रोडक्ट को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

‘ इंडिया कैंसर रिसर्च कंसोर्टियम के सीईओ प्रो. रवि मेहरोत्रा ने बातचीत में कहा,

‘ई-सिरगेट खासकर युवाओं में फेफड़ों से संबंधित बीमारियों की बड़ी वजह बन रहा है.

E-cigarette भारत जैसे विकासशील देश के लिए एक टाइम बम की तरह है. सरकार ने इसको बैन कर सही दिशा में कदम बढ़ाया है

DNA तक को नुकसान पहुंचा सकता है E-cigarette, ICMR द्वारा जारी किये गए व्हाइट पेपर के मुताबिक ई-सिगरेट व्यक्ति के डीएनए को क्षतिग्रस्त कर सकता है.

इसके अलावा ई-सिगरेट की वजह से सांस, हृदय और फेफड़े से संबंधित तमाम बीमारियां हो सकती हैं.

दूसरी तरफ, ई-सिगरेट का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान भ्रूण के विकास में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं

व्हाइट पेपर में यह भी कहा गया है कि जो लोग ई-सिगरेट या दूसरे इंड्स प्रोडक्ट का सेवन करते हैं,

आगे चलकर उन्हें रेगुलर तंबाकू उत्पादों के सेवन के लत भी लग सकती है.

ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी-चालित डिवाइस होती है,

जो तम्बाकू या गैर-तम्बाकू पदार्थों की भाप को सांस के साथ भीतर ले जाती है.

आमतौर पर सिगरेट, बीड़ी या सिगार जैसे धूम्रपान के लिए प्रयोग किए जाने वाले तम्बाकू उत्पादों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली,

ई-सिगरेट तम्बाकू जैसा स्वाद और एहसास देती है, जबकि वास्तव में इसमें कोई धुआं नहीं होता है

E-cigarette एक ट्यूब के आकार में होती है, और इनका बाहरी रूप सिगरेट और सिगार जैसा ही बनाया जाता है.

सरकार ने ई-सिगरेट पर पूरी तरह से बैन के अलावा नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान किया है.

पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों है,

जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा 3 वर्ष होगी या 5 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं

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