नागपुर: Justice Resigns In Open Court: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के जस्टिस रोहित बी देव ने खुली अदालत में चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया.
Justice Resigns In Open Court:जस्टिस रोहित देव ने अदालत में मौजूद लोगों से कहा, “अगर मेरी किसी बात से किसी को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए माफी मांगता हूं.
लेकिन मैं अपने आत्मसम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकता.”
हालांकि, उन्होंने इस्तीफा देने के पीछे का कारण नहीं बताया.
इस्तीफे के ऐलान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जस्टिस देव ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पद छोड़ दिया है. अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है.
जस्टिस देव को जून 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था.
वह दिसंबर 2025 में रिटायर होने वाले थे. जज बनने से पहले वो एडवोकेट जनरल थे.
उन्होंने इस्तीफा देने के लिए खुली अदालत में माफी भी मांगी.
उन्होंने कहा कि उनके मन में किसी के प्रति कोई कठोर भावना नहीं है
और अगर उन्होंने किसी को ठेस पहुंचाई है तो उन्हें खेद है.
जस्टिस रोहित देव बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में बैठने वाले न्यायाधीश उस पीठ में थे,
जिसने बीते साल प्रोफेसर जीएन साईबाबा को माओवादी लिंक मामले में बरी कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस फैसले को निलंबित कर मामले को दूसरी बेंच को देने का आदेश दिया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में बैठने वाले जस्टिस देव ने साल 2022 में माओवादी लिंक मामले में
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी कर सुर्खियां बटोरी थीं.
उन्होंने जीएन साईबाबा को बरी करते हुए उनपर लगे आजीवन कारावास को भी रद्द कर दिया था.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस फैसले को निलंबित कर दिया
और हाई कोर्ट की नागपुर बेंच को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था.
पिछले हफ्ते, जस्टिस देव ने 3 जनवरी के महाराष्ट्र सरकार के संकल्प (आदेश) के संचालन पर रोक लगा दी थी.
इस आदेश के जरिए राज्य को निर्माण में लगे ठेकेदारों द्वारा
गौण खनिजों की अवैध खुदाई से संबंधित दंडात्मक कार्यवाही को रद्द करने का अधिकार दिया गया था.