पाकिस्तान के Prime minister Imran Khan बने रहेंगे,अविश्वास प्रस्ताव खारिज

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Prime minister Imran Khan

इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime minister Imran Khan) को बड़ी राहत मिली है.

प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime minister Imran Khan) के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को रविवार को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने खारिज कर दिया.

नेशनल असेंबली के सत्र को स्थगित कर दिया गया है.

अध्यक्ष ने फैसला सुनाया कि अविश्वास मत एक विदेशी साजिश का हिस्सा था.

उन्होंने वोटिंग की अनुमति नहीं दी. विपक्ष सदन में इसका पुरजोर तरीके से विरोध कर रहा है.

प्रस्ताव के खारिज होने के बाद इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित किया,

जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश की,

जिसे मंजूर कर लिया गया.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने देश ताजा चुनाव कराने की सलाह दी है.

Prime minister Imran Khan ने एक बार फिर अपने संबोधन में विपक्ष के इस पूरे अभियान को विदेशी साजिश बताया कहा कि ‘कोई विदेशी ताकत इस कौम का मुस्तकबिल नहीं तय करेगा.

उन्होंने कहा कि ‘मैं कौम से कहता हूं कि आप चुनावों की तैयारी करें,

इस कौम का मुस्तकबिल कोई और तय नहीं करेगा, आप तय करेंगे.’

इमरान खान ने कहा कि ‘स्पीकर के फैसले पर हर पाकिस्तानी को मुबारकबाद देता हूं.

अविश्वास प्रस्ताव हमारे खिलाफ एक विदेशी साजिश थी.

ये पाकिस्तान को तय करना चाहिए कि उसपर शासन कौन करेगा.’

उन्होंने बताया कि ‘मैंने राष्ट्रपति को असेंबलियां भंग करने की सिफारिश के साथ लिखा है.

देश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होने चाहिए.

मैं पाकिस्तानी अवाम से आह्वान करता हूं कि ताजा चुनाव हों और वो अपना भविष्य तय करें.’

बता दें कि दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद नेशनल असेंबली की कार्यवाही शुरू हुई थी.

इसके पहले विपक्ष ने असेंबली के स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया था.

जिसके बाद डिप्टी स्पीकर ने कार्यवाही शुरू करवाई.

सदन बैठने के थोड़ी देर बाद ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

उन्होंने इसे पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 5 का उल्लंघन बताया.

डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने भी प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश का हवाला देकर इसे खारिज कर दिया.

विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया है.

इमरान खान की सत्ता गिराने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यों की असेंबली में 172 सांसदों का साथ चाहिए था.

असेंबली बैठने से पहले विपक्ष का दावा था कि उनके पास इससे ज्यादा 177 सांसदों का साथ की.

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