कॉमेडी के दम पर यूक्रेन के राष्ट्रपति बने Volodymyr Zelenskyy

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Volodymyr Zelenskyy- Vladimir Putin

Volodymyr Zelenskyy:यूक्रेन पश्चिमी देशों से रूस के हमले के बाद लगातार मदद की गुहार लगा रहा है

और सबसे ज्यादा बुरी हालत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) की है,

जो अब लाचार और बेबस हालत में नजर आ रहे हैं.

वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने शुक्रवार सुबह भी कहा कि उन्होंने सुबह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कॉल भी किया था

लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया. वह भारी दबाव का सामना कर रहे हैं.

वोलोडिमिर जेलेंस्की कभी यूक्रेनी टेलीविजन के एक कॉमेडियन थे,

लेकिन अब उनके ऊपर अमेरिका के दबाव में आकर देश को युद्ध की आग में झोंकने के आरोप लग रहे हैं.

जेलेंस्की 2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपति बने थे.

उन्हीं के कार्यकाल में यूक्रेन की संविधान में संशोधन कर देश को नाटो और यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने की नीति का ऐलान किया गया था.

वोलोडिमिर जेलेंस्की उन लोगों में से एक हैं,

जो पूरी तरह से एक कॉमेडियन के रूप में अपनी लोकप्रियता के आधार पर राष्ट्रपति बने.

44 साल के हो चुके जेलेंस्की को राष्ट्रपति बनने से पहले अपने पूर्ववर्ती राष्ट्राध्यक्षों की तुलना में राजनीति का कोई अनुभव नहीं था.

उनके कार्यकाल की शुरुआत से यूक्रेन और रूस के बीच तनाव लगातार बना रहा.

इसके बावजूद वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने देश को नाटो की पूर्ण सदस्यता दिलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया.

रूस का आरोप है कि यूक्रेन ने 1990 के समझौते का उल्लंघन कर खुद का सैन्यीकरण करने का फैसला किया है. पुतिन यूक्रेन के इस कदम को रूस के लिए प्रत्यक्ष खतरे के रूप में देखते हैं.

वोलोडिमिर जेलेंस्की का जन्म 25 जनवरी 1978 तत्कालीन सोवियत संघ के शहर क्रिवी रिह में हुआ था.

वर्तमान में यह शहर यूक्रेन का हिस्सा है. जेलेंस्की के माता-पिता यहूदी थे.

बचपन में ही जेलेंस्की का परिवार मंगोलिया के एर्डेनेट में रहने चला गया.

इस कारण वोलोडिमिर जेलेंस्की की प्रारंभिक शिक्षा मंगोलिया में हुई.

इसके बावजूद उन्होंने यूक्रेनी और रूसी भाषा पर अपनी पकड़ बनाए रखी.

बड़े होने पर वो वापस यूक्रेन पहुँचे और 1995 में कीव नेशनल इकोनॉमिक यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री के साथ ग्रेजुएशन किया.

इसके बावजूद जेलेंस्की ने अपना करियर कॉमेडी के क्षेत्र में बनाया.

पढ़ाई के दौरान ही जेलेंस्की थिएटर को लेकर काफी आकर्षित हुए.

वे 1997 में पर्फामेंस ग्रुप, क्वार्टल 95, KVN के फाइनल में नजर आए.

2003 में उन्होंने अपनी कॉमेडी टीम क्वार्टल 95 के नाम पर एक सफल टीवी प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की.

इस कंपनी ने यूक्रेन के 1+1 नेटवर्क के लिए शो का निर्माण किया.

इस शो को विवादास्पद अरबपति मालिक इहोर कोलोमोइस्की ने फाइनेंस किया था.

दावा किया जाता है कि वोलोडिमिर जेलेंस्की के राष्ट्रपति चुनाव का सारा खर्च भी इहोर कोलोमोइस्की ने ही उठाया था.

2010 तक वोलोडिमिर जेलेंस्की यूक्रेनी टेलीविजन के इतिहास के सबसे सफल कलाकारों में शुमार होने लगे.

उन्होंने कई सुपरहिट टीवी शो और फिल्मों में काम किया,

जिसमें लव इन द बिग सिटी (2009) और रेजेव्स्की वर्सेज नेपोलियन (2012) काफी प्रसिद्ध हैं.

साल 2014 न सिर्फ जेलेंस्की बल्कि यूक्रेन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ.

इसी साल यूक्रेनी जनता ने विद्रोह कर रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को हटा दिया था.

जिसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं,

तब से ही रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में विद्रोहियों को हथियार और पैसों से मदद करना भी शुरू कर दिया.

उसके एक साल बाद पॉलिटिकल सटायर सर्वेंट ऑफ द पीपल ने वोलोडिमिर जेलेंस्की के नाम को और ज्यादा प्रसिद्ध कर दिया.

इस सटायर में जेलेंस्की ने वासिली गोलोबोरोडको नाम के एक व्यक्ति का किरदार निभाया था.

इस शो में उन्होंने राष्ट्रपति का किरदार निभाया था.

2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति को हराकर सँभाली यूक्रेन की कमान

रील लाइफ में राष्ट्रपति के रूप में काफी समय बिताने के बाद जेलेंस्की ने 2019 में राजनीतिक कदम उठाने का फैसला किया.

जेलेंस्की ने राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको को चुनौती दी.

जानकारी के मुताबिक उन्होंने राष्ट्रपति पद के प्रचार के दौरान गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने से परहेज किया

और अपनी प्रचार योजना के तहत सोशल मीडिया पर हल्के-फुल्के हास्य वीडियो पोस्ट कर चर्चा बटोरी.

इसी साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने पेट्रो पोरोशेंको को मात दी और यूक्रेन के राष्ट्रपति बन गए.

शुरुआत में सब ठीक था. लेकिन धीरे-धीरे जेलेंस्की के रिश्ते पुतिन के साथ खराब होने लगे.

पुतिन ने जेलेंस्की की सरकार पर रूसी-भाषियों के खिलाफ ‘भेदभाव’ करने

और पूर्वी हिस्से के संघर्ष को सुलझाने के पिछले वादों से मुकरने का आरोप लगाया.

जेलेंस्की ने यूक्रेन में रूसी समर्थक राजनीतिक गुटों के खिलाफ सख्त कदम उठाया थे.

पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ शिखर सम्मेलन की जेंलेंस्की की पेशकश पिछले महीने मॉस्को ने नहीं मानी और आखिरकार युद्ध छिड़ गया.

जेलेंस्की बार-बार अमेरिका सहित सभी नाटो देशों से भी साथ देने की अपील करते रहे.

लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया.

उन्होंने अपनी सेना भेजने से इनकार कर दिया है.

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