Long Term Capital Gain Tax : LTCG पर अब 35 नहीं अधिकतम 15 फीसदी टैक्स लगेगा

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Long Term Capital Gain Tax : वित्तमंत्री निर्मला सीतामरण ने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट में कई बड़ी घोषणाएं की.

इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को मार्च 2022 से बढ़ाकर तक मार्च 2023 कर दिया गया है

तो वहीं दूसरी बड़ी घोषणा लांग टर्म कैपिटल गेन को लेकर है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने इसमें टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि LTCG पर अधिकतम सरचार्ज 15 फीसदी ही लगेगा.

किसी तरह की प्रॉपर्टी या एसेट्स पर LTCG सरचार्ज का रेट अधिकतम 15 फीसदी हो सकता है.

Long Term Capital Gain Tax : इस घोषणा का इम्पैक्ट

  • LTCG पर सरचार्ज अधिकतम 15 फीसदी होगा
  • प्रापर्टी व अन्य एसेट पर कम देना होगा टैक्स.
  • अभी तक 15 से 35 फीसद तक लगता था LTCG टैक्स.
  • लोगों की जेब में आएगा ज्यादा पैसा.

मार्च 2023 तक बढ़ाई गई ECLGS की डेडलाइन

इस बजट में MSME सेक्‍टर को बड़ी राहत दी गई है.

वित्तमंत्री ने मंगलवार को छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए बताया

कि ECLGS स्कीम की अवधि बढ़ाकर मार्च 2023 तक कर दी गई है.

इस स्कीम के तहत मिलने वाले गारंटी कवर को भी 50,000 रुपये बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है.

बता दें कि पिछले साल सितंबर में सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को मार्च 2022 तक या स्कीम में 4.5 लाख करोड़ की रकम गारंटी जारी होने तक के लिए बढ़ा दिया गया था.

तब सरकार ने कहा था कि जब तक दोनों में से कोई एक शर्त पूरी न हो जाए,

यह स्कीम तब तक जारी रहेगी. अब वित्तमंत्री के नए ऐलान से MSME सेक्टर्स को फायदा होगा.

Long Term Capital Gain Tax : टैक्सपेयर्स को और क्या मिला?

बता दें कि मिडिल क्लास और नौकरी पेशा लोगों को जिस राहत की सबसे ज्यादा उम्मीद रहती है,

वह इस बार नहीं मिली है, क्योंकि टैक्स स्लैब और टैक्स दरों में इस बार कोई बदलाव नहीं किया गया है.

हालांकि टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश की गई है.

बड़ी राहत ये कि टैक्सपेयर्स अब अपनी अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न संबंधित एसेसमेंट ईयर के दो साल के अंदर फाइल कर सकेंगे.

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि इस नए प्रावधान से ‘टैक्स से जुड़े विवादों की संख्या’ कम होगी.

देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में 2021-22 की जो आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की,

उसमें यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं

कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मॉनसून सामान्य रहेगा,

कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी

और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे.

आर्थिक समीक्षा में उम्मीद जाहिर की गई है कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी,

जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है

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