Delhi-NCR Air Quality : दिवाली से पहले ही ‘जानलेवा’ हुई दिल्ली-NCR की हवा

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Delhi-NCR Air Quality

दिल्ली : Delhi-NCR Air Quality राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

दिल्ली में धुंध का असर विजिबिलिटी पर पड़ा है और कई इलाकों में विजिबिलिटी कम हो गई है.

दरअसल, दिल्ली में वायु गुणवत्ता (Air Quality) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही.

प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ ही दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता 500 के पार हो गयी.

दिल्‍ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों में वायु गुणवत्ता (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है.

NCR के शहरों में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर चिंता बढ़ा रहा है.

देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में ज्‍यादातर दिल्‍ली-एनसीआर से शामिल हैं.

इनमें उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा टॉप पर है.

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा

और गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है,

जबकि उत्तर प्रदेश के मेरठ में हवा की गुणवत्ता में गिरावट होने के साथ AQI 500 के पार है,

जो खतरनाक श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार,

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 244 रहा. जबकि बल्लभगढ़ का एक्यूआई 271 रिकॉर्ड किया गया.

फरीदाबाद में AQI 250 के आस-पास बना हुआ है

इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया था.

लेकिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं की वजह से अगले दो दिन में इसमें गिरावट आने की आशंका है.

0 और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच AQI को ‘संतोषजनक’, 101

और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401

और 500 के बीच AQI को ‘गंभीर’ यानी ‘खतरनाक’ श्रेणी में माना जाता है.

Delhi-NCR Air Quality : पराली जलाने की घटनाएं कम

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आठ जिलों में पराली जलाने की घटनाएं इस साल काफी कम हुई हैं.

इस महीने पराली जलाने की कुल 1,795 घटनाएं दर्ज की गयी है,

जो पिछले साल इसी अवधि में आयी 4,854 घटनाओं से कम है.

केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उससे जुड़े इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बनाए प्रोटोकॉल पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार,

धान के अवशेष जलाने की घटनाएं एक महीने के दौरान पंजाब में 64.49 प्रतिशत,

हरियाणा में 18.28 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश के आठ एनसीआर जिलों में 47.61 प्रतिशत कम हुई हैं.

Delhi-NCR Air Quality : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की अपील

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्लीवासियों से शहर में प्रदूषण कम करने में मदद की अपील की

और कहा कि सप्ताह में कम से कम एक दिन निजी वाहनों का इस्तेमाल ना करें.

उन्होंने कहा कि आस-पास के राज्यों के किसानों के पराली जलाना शुरू करने के कारण,

दिल्ली में पिछले तीन-चार दिनों से वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है. इसके साथ ही दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एनसीआर में शुक्रवार से Graded Response Action Plan लागू हो गया.

इस प्लान के तहत प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए NCR में ऐसा करने वालों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.

अगले हफ्ते इसे लेकर बैठक होगी और नए प्रावधानों को लेकर फैसला लिया जाएगा.

नवंबर में बढ़ेगा खतरा

नवंबर के पहले हफ्ते में पराली की घटनाएं सबसे ज्यादा होंगी.

ऐसे में दिल्ली में आने वाले दिनों में प्रदूषण के तेजी से बढ़ने का खतरा है.

नवंबर के पहले हफ्ते में पराली जलाने की संख्या तेजी से बढ़ती है

जिसके प्रतिदिन 3,000-4,000 तक बढ़ने की उम्मीद है.

आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में लोग हर साल एक से 15 नवंबर के बीच ‘सबसे खराब’ हवा में सांस लेते हैं.

राष्ट्रीय राजधानी का औसत पीएम2.5 स्तर 16 अक्टूबर से 15 फरवरी के बीच ‘बहुत खराब’

और ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच रहता है.

वहीं एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच पीएम 2.5 सांद्रता औसतन 285 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहती है.

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