Jagannath Rath Yatra पुरी में निकालने की सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

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Jagannath Rath Yatra 

Jagannath Rath Yatra स्वास्थ्य मुद्दे से समझौता किए बिना मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ आयोजित की जाएगी.

नई दिल्ली:LNN:Jagannath Rath Yatra निकालने की सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अनुमति दे दी है.पुरी में कल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकालने को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुरी रथ यात्रा स्वास्थ्य मुद्दे से समझौता किए बिना मंदिर समिति,

राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ आयोजित की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा पर रोक वाले अपने पहले के आदेश पर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की.

पुनर्विचार याचिका में शीर्ष अदालत से अपने पूर्व के आदेश में बदलाव की मांग की गई है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी में कल रथयात्रा पर कोरोना महामारी के कारण 18 जून को रोक लगा दी थी.

लेकिन शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल हो गईं और कोर्ट से अपने पूर्व के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई.

पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे के नेतृत्व में 3 जजों की बेंच ने आज Jagannath Rath Yatra निकालने की अनुमति दे दी.

कोर्ट में केंद्र सरकार ने भी रथ यात्रा का समर्थन किया.

Jagannath Rath Yatra को बदले स्वरूप में निकालने की अनुमति देने पर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से विचार करने की अपील की गई है.

पुरी शहर को टोटल शटडाउन करके और जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाकर रथयात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया गया है.

केंद्र की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता.

उन्होंने कहा यह करोड़ों के आस्था की बात है.

यदि भगवान जगन्नाथ कल नहीं आएंगे, तो वे परंपराओं के अनुसार 12 साल तक नहीं आ सकते हैं.

उन्होंने दलील दी कि यह सुनिश्चित करने के लिए की महामारी ना फैले, सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है.

श्री शंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में वो सभी सेवायत भाग ले सकते हैं जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव है.

लोग टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देख सकते हैं और आशीर्वाद ले सकते हैं.

पुरी के राजा और मंदिर समिति इन अनुष्ठानों की व्यवस्था की देखरेख कर सकते हैं.

SC का कहना है कि राज्य सरकार को पुरी में कोरोना वायरस मामलों की संख्या में वृद्धि होने पर रथ यात्रा को रोकने की स्वतंत्रता है.

– SC ने पुरी में रथ यात्रा की अनुमति देने की इच्छा व्यक्त की लेकिन पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और नहीं.

– CJI – हमें शंकराचार्य को शामिल करने का कोई उद्देश्य नहीं दिखता है. रथ यात्रा का संचालन राज्य सरकार के अधीन जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है.

– CJI का कहना है कि हम आवश्यकता से अधिक पार्टियों को जोड़ना नहीं चाहते हैं

और हम केंद्र सरकार से पूछते हैं कि रथ यात्रा का संचालन क्यों करना चाहिए. सीजेआई कहते हैं और ओडिशा सरकार इस बात से सहमत है कि कहीं भी रथ यात्रा नहीं होनी चाहिए.

– सुप्रीम कोर्ट में जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा को लेकर सुनवाई शुरू हो चुकी है.

तीन सदस्यीय खंडपीठ में सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधी जस्टिस एसए.बोबड़े, जस्टिस एएस.बोपन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल हैं.

Jagannath Rath Yatra के लिए इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर दर्जनभर याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई है,

जो सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के लिए एक जज की बेंच जस्टिस एस रविन्द्र भट के सामने लगी थी.

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यह कानूनी पेच है कि एक जज तीन जजों की बेंच के आदेश में संशोधन नहीं कर सकते.

इसलिए केन्द्र सरकार ने आज ये मामला सुप्रीम कोर्ट में बैठे दो जजों वाली जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच के सामने रखा है,

उन्होंने कहा कि 18 जून को रथयात्रा पर रोक लगाने का आदेश चीफ जस्टिस की बेंच ने दिया था.

अब चीफ जस्टिस इस पर विचार करेंगे फिर सुनवाई होगी.

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