Coronacases in maharashtra वायरस से हालात हैं गंभीर 2 हजार से ज्यादा मौतें

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Coronacases in maharashtra संक्रमण से अब तक 2,098 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही मरीजों की संख्या 62,228 हो गई है.

नई दिल्ली/मुंबई:LNN:Coronacases in maharashtra वायरस हर दिन अपना रूप विकराल करता जा रहा है, राज्य में शुक्रवार को भी 2 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं.

Maharashtra में शुक्रवार को 2,682 नए मरीज मिले हैं.

बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस से 116 मौतें हुई हैं. इसी के साथ महाराष्ट्र में मौतों का आंकड़ा 2000 पार हो गया है.

Coronacases in maharashtra संक्रमण से अब तक 2,098 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही मरीजों की संख्या 62,228 हो गई है.

मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1447 नए मामले सामने आए हैं और 38 लोगों की मौत हुई है.

मुंबई में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 36,932 हो गई है, साथ ही 1173 लोगों की मौत हुई है.

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Maharashtra में अब तक कुल 26,997 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है.

मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी में कोरोना संक्रमण के 41 नए मामले सामने आए हैं. धारावी में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल 1,715 मामले हो चुके हैं.

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में करीब 2,211 पुलिसकर्मी अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

और उनमें से 25 संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं.यह जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी.

अधिकारी ने कहा कि संक्रमण से जान गंवाने वाले कुल पुलिसकर्मियों में से 16 मुंबई से, तीन अन्य नासिक ग्रामीण से,

दो पुणे और एक-एक सोलापुर शहर, सोलापुर ग्रामीण, ठाणे और मुंबई एटीएस से हैं.

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन कोविड-19 रोगियों में से 249 पुलिस अधिकारी जबकि 1,962 कॉन्स्टेबल रैंक के कर्मी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. अधिकारी ने कहा कि अभी तक इनमें से 970 ठीक हो चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘कम से कम 116 कर्मी पिछले 24 घंटे में संक्रमित पाए गए.

इस पूरे हफ्ते हर दिन 100 से अधिक पुलिसकर्मियों का लगातार संक्रमित पाया जाना जारी है.’

ठाणे के मुंब्रा के तीन अस्पतालों को नगर निकाय ने शिकायतों के बाद सील कर दिया है.

निकाय को शिकायतें मिल रही थीं कि वे कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर रोगियों को अपने यहां भर्ती नहीं कर रहे थे.

तीनों अस्पताल बेड की उपलब्धता के बावजूद गर्भवती महिलाओं और अन्य गैर-कोरोना रोगियों को भर्ती नहीं कर रहे थे,

और इन अस्पतालों पर ज्यादा शुल्क लेने के भी आरोप लगाए गए.

(भाषा से इनपुट्स के साथ)

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