RCEP पर झुका चीन, कहा- भारत के मुद्दों का निकाला जाएगा हल

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RCEP समझौते से अपनी मूल मांगों के पूरा न होने की वजह से भारत ने बाहर रहने का फैसला लिया. दरअसल समझौते में चीन का पलड़ा भारी था। अब चीन ने कहा है कि वह इस समझौते के लिए भारत से बात करने और समाधान निकालने को तैयार है

पेइचिंग:LNN:चीन ने मंगलवार को कहा कि वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल नहीं होने के मामले में,

भारत की तरफ से उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए ‘आपसी समझ और सामंजस्य’ के सिद्धांत का पालन करेगा.

चीन ने यह भी कहा कि वह चाहता है कि भारत समझौते से जल्द जुड़े, इसका वह स्वागत करेगा.

बता दें कि भारत के घरेलू उद्योगों के हित से जुड़ी मूल चिंताओं का समाधान न होने की वजह से भारत ने आरसीईपी समझौते से बाहर रहने के फैसला लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 देशों के आरसीईपी समूह के शिखर सम्मेलन में सोमवार को कहा कि भारत इस समझौते में शामिल नहीं होगा.

भारत के इस फैसले से चीन के दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के प्रयास को बड़ा झटका लगा है.

मोदी ने कहा, ‘RCEP समझौता मौजूदा स्वरूप में उसकी मूल भावना और उसके सिद्धांतों को ठीक तरह से पूरा नहीं करता है.

इसमें भारत द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं का भी संतोषजनक समाधान नहीं हुआ है.

ऐसी स्थिति में भारत के लिए आरसीईपी समझौते में शामिल होना संभव नहीं है.’

भारत दूसरे देशों के बाजारों में वस्तुओं की पहुंच के साथ ही घरेलू उद्योगों के हित में सामानों की संरक्षित सूची के मुद्दे को उठाता रहा है.

ऐसा माना गया है कि इस समझौते के अमल में आने के बाद चीन के सस्ते कृषि और औद्योगिक उत्पाद भारतीय बाजार में छा जाएंगे.

सस्ते चीनी सामान को लेकर चिंता की वजह से भारत के आरसीईपी समझौते से नहीं जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हम भारत के समझौते से जुड़ने का स्वागत करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘आरसीईपी खुला है. हम भारत की तरफ से उठाए गए मुद्दों के समाधान को लेकर आपसी समझ ,

सांमजस्य के सिद्धांत का अनुकरण करेंगे.

हम उनके यथाशीघ्र समझौते से जुड़ने का स्वागत करेंगे.’ प्रवक्ता ने कहा कि आरसीईपी क्षेत्रीय व्यापार समझौता है और सभी संबद्ध पक्षों के लिए लाभकारी है.

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