असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद खाई जाने वाली contraceptive pills से शरीर को होते हैं ये नुकसान

contraceptive pills को लेने से प्रेग्नेंट होने की परेशानी तो दूर हो जाती है लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याएं पैदा होने का डर रहता है.

अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए ज्यादातर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों को सेवन करती हैं.

contraceptive pills का जो महिलाएं सेवन करती हैं, उनमें मां न पाने का ज्यादा खतरा है

इन दवाइयों से स्तन और सर्वाइकल कैंसर, खून के थक्के बनना और उच्च रक्तचाप का खतरा मामूली रूप से बढ़ सकता है.

ये भी पढ़ें: त्वचा की प्रकृति के अनुसार करे उसकी देखभाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन दुनिया भर में 10 करोड़ से ज्यादा महिलाएं कर रही हैं.

इस बात को लेकर एक मेडिकल रिकॉर्ड में चौकाने वाली बात सामने आई जिसमें पाया गया कि जो महिलाएं लगातार कॉन्ट्रासेप्टिक पिल्स का सेवन करती हैं उनमें अवसाद का खतरा सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है.

शोध में यह बात भी सामने आई है कि 15 से 34 साल की महिलाएं इन दवाओं का ज्यादा सेवन करती हैं

जबकि इस तरह की गोलियां खाने से पहले उन्हें किसी तरह की कोई मानसिक परेशानी या तनाव नहीं था.

इसका सबसे ज्यादा असर मस्तिष्क पर पड़ता है क्योंकि कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट करती हैं

contraceptive pills का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में चेहरे के हाव-भावों को पढ़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.

जिससे उनके अंतरंग संबंध पर भी असर पड़ सकता हैं.

वैज्ञानिकों ने ऐसी महिलाओं को खुशी या डर जैसे मूल हाव-भावों के बजाय गर्व या अपमान जैसे जटिल भावनात्मक हाव-भावों की पहचान करने की चुनौती दी.

उन्होंने contraceptive pills (ओसीपी) लेने वालीं महिलाओं में भावनात्मक पहचान में सूक्ष्म बदलाव का खुलासा किया.

शोधकर्ताओं ने बताया कि जन्म नियंत्रण के अलावा हार्मोन से संबंधी गर्भनिरोधक गोलियां मुंहासे, भारी माहवारी और एंडोमेट्रिओसिस को नियंत्रित करने में मददगार हो सकती हैं.

साथ ही इनसे गर्भाशय और पाचन तंत्र के निचले भाग पर स्थित कोलोन के कैंसर का खतरा कम हो सकता है.

एंडोमेट्रिओसिस, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली ऐसी बीमारी है, जो दर्द, अनियमित मासिक धर्म के साथ बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर आती है.

ये भी पढ़ें:Beauty product: बना सकते है आप को बीमार

इसका नकारात्मक प्रभाव यह है इन दवाइयों से स्तन और सर्वाइकल कैंसर, खून के थक्के बनना और उच्च रक्तचाप का खतरा मामूली रूप से बढ़ सकता है.

हालांकि ओसीपी के मनोवैज्ञानिक प्रभावों को बहुत कम ही दर्शाया गया है

शोधकर्ताओं ने बताया, ‘दुनियाभर में 10 करोड़ महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं,

लेकिन इससे उनकी भावनाओं, बोध और व्यवहार पर पड़ने वाले असर के बारे में बहुत कम जानकारी है.’

शोधकर्ताओं ने कहा, हालांकि इन नतीजों में यह सुझाया गया है कि गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली महिलाओं में अन्य के भावनात्मक हाव-भावों की पहचान करने की क्षमता प्रभावित होती है.

Follow us on Facebook.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here