Election commission says कि उसे इस मामले में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का कोई कारण नहीं दिखता.राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा इसी कारण चुनाव के दौरान घोषणापत्र जारी किए जाते हैं.
नई दिल्ली:LNN:Election commission says भाजपा के मुफ्त कोरोना वैक्सीन के बिहार में चुनावी वादे को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है. विपक्षी दलों ने भाजपा के इस वादे को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी.
आयोग ने आचार संहिता से जुड़े एक प्रावधान का उल्लेख करते हुए कहा, शासन की नीति से संविधान में उल्लिखित नीति निर्देशक सिद्धांत राज्य को यह अनुमति देते हैं कि वह नागरिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाए.
लिहाजा चुनावी घोषणापत्र में ऐसे कल्याणकारी वादों को लेकर कोई आपत्ति नहीं की जा सकती.
BJP ने अपने घोषणापत्र में बिहार की जनता के लिए मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा किया था. साथ ही 19 लाख रोजगार देने का संकल्प भी जताया था.
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आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की शिकायत का जवाब देते हुए Election Commission ने कहा कि उसे इस मामले में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का कोई कारण नहीं दिखता.
इसमें आचार संहिता (Model Code of Conduct) के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं पाया गया है.
गोखले ने इसे भेदभावपूर्ण और चुनाव के दौरान केंद्र सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग करार दिया था.
सूत्रों के अनुसार, आदर्श आचार संहिता के आठवें भाग में चुनावी घोषणापत्र संबंधित गाइडलाइन के कुछ अंशों का उदाहरण देते हुए पाया है कि मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करता.
Election commission says प्रावधानों को उद्धृत करते हुए कहा कि जनता से ऐसे वादे कर भरोसा जीता जा सकता है, जिन्हें पूरा किया जाना संभव हो.
राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा इसी कारण चुनाव के दौरान घोषणापत्र जारी किए जाते हैं.
गोखले ने ट्विटर पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया में कहा, “चुनाव आयोग ने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि केंद्र सरकार ने राज्य विशेष के लिए इसकी घोषणा की है
और जब इस तरह से चुनावी माहौल को बिगाड़ा जाता है तो कार्रवाई की जानी चाहिए.”
वित्त मंत्री और भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में बिहार चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी किया था.
इसमें बिहार की जनता के लिए मुफ्त कोरोना वैक्सीन का संकल्प भी शामिल था.
विपक्षी दल कांग्रेस और राजद ने ऐसे वादे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था.
विरोधी नेताओं का आरोप है कि सत्ता पक्ष राजनीतिक फायदे के लिए महामारी का भी इस्तेमाल कर रहा है.