Coronas community transmission स्टेज को लेकर टेंशन में दिल्ली सरकार

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Coronas community transmission

Coronas community transmission पर मंगलवार को चर्चा होगी कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या है?

नई दिल्ली:LNN:Coronas community transmission क्या दिल्ली स्थिति में पहुंच गई है? इस सवाल ने दिल्ली सरकार की टेंशन को बढ़ा दिया है.

यही वजह है कि दिल्ली में मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के साथ बैठक होने जा रही है.

बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या है?

Coronas community transmission बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करेंगे.

दिल्ली में काफी तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है,

जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके जानकारी दी, ‘मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक अपने निर्धारित शेड्यूल के अनुसार होगी.

मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक न होने के कारण उन्होंने मुझे (सिसोदिया) इस बैठक के लिए अधिकृत किया है.’

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके कहा कि बैठक में चर्चा होनी है कि क्या दिल्ली में Coronas community transmission की स्थिति में पहुंच गया है.

देश की राजधानी में कोरोना वायरस मामलों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है.

सोमवार सुबह तक दिल्‍ली में करीब 29 हजार मामले हो चुके थे.

इनमें से 10,999 कोरोना मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं 17,125 ऐक्टिव मरीज अभी भी इलाज करा रहे हैं.

दिल्ली सरकार के मुताबिक, 12,213 कोरोना पेशंट्स को उनके घरों में ही आइसोलेशन में रहने को कहा गया है.

यहां मरने वालों की संख्‍या 812 पहुंच चुकी है. दिल्ली में कोरोना हॉटस्पॉट्स की संख्या भी बढ़कर 169 हो चुकी है.

दिल्‍ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अगले दो हफ्ते में राजधानी में कोरोना के केस डबल होकर 56 हजार तक पहुंच जाएंगे.

इन सबके बीच, दिल्ली सरकार ने सोमवार से शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और रेस्तरां खोलने का ऐलान किया है.

लेकिन होटल और बैंक्विट हॉल अभी बंद रहेंगे. यह छूट अनलॉक-1 के तहत दी गई है.

रविवार को मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘हमें सुझाव मिले हैं कि अगर दिल्ली के सारे अस्पतालों को सबके लिए खोल दिए,

तो अस्पतालों में उपलब्ध 9000 कोविड-19 बेड मात्र 3 दिन के अंदर भर जाएंगे.’

दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई एक विशेष कमेटी ने जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना जताई है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार और आईसीएमआर से उन दो याचिकाओं पर जवाब मांगा है,

जिसमें स्वास्थ्य विभाग के बिना लक्षण वाले और पूर्व-लक्षण वाले मरीजों को कोविड-19 की जांच से बाहर रखने के फैसले को चुनौती दी गई है.

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने पद्म श्री विजेता और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल और रेणु गोस्वामी की दो अलग-अलग लेकिन एक जैसी प्रकृति की याचिकाओं पर अधिकारियों को यह नोटिस जारी किया.

विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई कर रही अदालत ने दोनों मामलों पर सुनवाई की अगली तारीख 22 जून तय की है.

अग्रवाल ने दिल्ली सरकार की कोविड-19 की जांच के लिए 2 जून को घोषित की गई नीति को चुनौती दी थी,

जिसके तहत बिना लक्षण वालों और पूर्व-लक्षण वाले मरीजों को जांच से बाहर रखा गया था.

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि स्वास्थ्य जांच हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है.

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