ट्रिपल तलाक विधेयक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपात बैठक

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ट्रिपल तलाक विधेयक 

ट्रिपल तलाक विधेयक पर लखनऊ के नदवा कॉलेज चल रही बैठक

लखनऊ. ट्रिपल तलाक विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लखनऊ के नदवा कॉलेज में एक आपात बैठक बुलायी.

बोर्ड और अन्य संगठनों ने संसद में पेश होने वाले विधेयक से मुस्लिम समाज पर असर पर चर्चा की.

बैठक में भाग लेने के लिए एआइएमपीआइबी के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी, महासचिव मौलना सईद मोहद वली रहमानी भी पहुंचे.

इसके अलावा सेक्रेटरी मौलना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, ख़लीलुल रहमान सज्जयाद नौमानी, मौलाना फजलुर रहीम भी पहुंचे.

बैठक में मौलाना सलमान हुसैनी नदवी, हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवैसी भी मौजूद रहे.

बैठक में वर्किग कमेटी के 51 सदस्य को बुलाया गया.

मौलाना नदीम उल वाजदी की मानें तो सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है.

हर छोटे बड़े बिल पर सरकार राय लेती है लेकिन इतने बड़े मसले पर सरकार ने राय लेना उचित नहीं समझा.

ट्रिपल तलाक विधेयक पर सरकार को राय लेनी चाहिए.

ट्रिपल तलाक विधेयक के मुद्दे पर सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है.

कई मुस्लिम पदाधिकारियों का कहना है कि जब इस्लाम में तीन तलाक को खुद गलत बताया गया है.

तो ऐसे में सरकार को विधेयक लाने की क्या आवश्‍यकता है.

आशा है कि सोमवार को संसद में यह विधेयक पेश किया जायेगा.

इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने 15 दिसंबर को ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ को मंजूरी दे दी है.

जिसके तहत यदि पति, पत्नी को एक बार में तीन तलाक देता है.

तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है और पति को जमानत भी नहीं मिल सकेगी.

यही नहीं इसके अलावा पत्नी और बच्चों के लिए हर्जाना भी देना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी करार दिया था और कहा था कि सरकार छः महिने पर इस पर कानून बनाए.

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