मणिपुर : मणिपुर में सेना के काफिले पर हुए हमले की जांच Home Ministry NIA को सौंपने की तैयारी कर रहा है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय जल्द ही इस केस को NIA को सौंप देगा.
NIA की टीम ने मणिपुर में घटना स्थल का जायजा लिया है.
एम्बुश के बाद से ही NIA इस घटना से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी ले चुका है.
मणिपुर में हुए आतंकी हमले में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी,
उनकी पत्नी और छह साल के बेटे के अलावा बल के चार जवान शहीद हो गए थे.
मणिपुर में दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों ने असम राइफल्स की टीम पर घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
PLA और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया.
NIA : 13 नवंबर को सेहकेन गांव में दिया गया था घटना को अंजाम
घटना चुराचंदपुर जिले के सिंगनगाट के सेहकेन गांव में 13 नवंबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर हुई.
आतंकियों की इस नापाक हरकत में 7 लोगों की मौत हो गई थी .
इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का गठन साल 1978 में हुआ था.
बाद में भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था.
ये संगठन मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर धोखे से हमले करने के लिए जाना जाता है.
इसका गठन बिश्वेसर सिंह ने किया था.
आतंकी संगठन पीएलए स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है.
पीएम मोदी ने की थी हमले की निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा था कि मैं उन सैनिकों और परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आज शहीद हुए हैं.
उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दुखद और निंदनीय है.
देश ने 46वीं असम राइफल्स के सीओ समेत पांच बहादुर सैनिकों
और उनके परिवार के दो सदस्यों को खो दिया.
राजनाथ सिंह ने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं.
दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.