कांग्रेस नेता Navjot Singh Sidhu को SC ने सुनाई रोडरेज पर जेल की सजा

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Navjot Singh Sidhu

चंडीगढ़: Navjot Singh Sidhu:34 साल पुराने रोड रेज केस में कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है.

Navjot Singh Sidhu को एक साल जेल की सजा हुई है. उन्हें एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.

कोर्ट ने अपने 15 मई, 2018 के एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा को बदल दिया है.

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.

पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से सजा मिलने के बाद,

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सिद्धू ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे.

अब सिद्धू को या तो गिरफ्तार किया जाएगा या फिर वह सरेंडर करेंगे.

फिलहाल सिद्धू पटियाला में मौजूद हैं.

Navjot Singh Sidhu ने गुरुवार सुबह महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया था.

सिद्धू के साथ पंजाब पुलिस को भी इस मामले में कानून का पालन करना होगा.

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 हजार रुपए का जुर्माना देकर छोड़ दिया था.

मामला 27 दिसंबर 1988 का है. पटियाला में पार्किंग को लेकर सिद्धू और पीड़ित के बीच विवाद हुआ था.

इसी साल 25 मार्च सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू की सजा बढ़ाने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था.

सभी पक्षों की दलीलें सुनने को बाद फैसला सुरक्षित रखा था.

सुप्रीम कोर्ट को तय करना था कि सिद्धू की सजा बढ़ाई जाए या नहीं.

पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया था.

इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गईं थीं.

सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट की बजाए गंभीर अपराध की सजा देने की याचिका पर सिद्धू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

पीड़ित परिवार ने याचिका दाखिल कर रोड रेज केस में साधारण चोट नहीं,

बल्कि गंभीर अपराध के तहत सजा बढ़ाने की मांग की.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साधारण चोट का मामला बताते हुए सिर्फ ये तय करने का फैसला किया था,

कि क्या सिद्धू को जेल की सजा सुनाई जाए या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष पीठ में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल के सामने पीड़ित परिवार

यानी याचिकाकर्ता की ओर से सिद्धार्थ लूथरा ने कई पुराने मामलों में आए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सड़क पर हुई हत्या और उसकी वजह पर कोई विवाद नहीं है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ है कि हत्या में हमले की वजह से चोट आई थी,

हार्ट अटैक नहीं, लिहाजा दोषी को दी गई सजा को और बढ़ाया जाए.

Navjot Singh Sidhu की ओर से पी चिदंबरम ने याचिकाकर्ता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने मामले को अलग दिशा दी है.

ये मामला तो आईपीसी की धारा 323 के तहत आता है. घटना 1998 की है.

कोर्ट इसमें दोषी को मामूली चोट पहुंचाने के जुर्म में एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना चुका है.

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