लंदन:Non domicile tax status:ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी, भारत में जन्मी पत्नी अक्षता मूर्ति की नॉन डोमिसाइल टैक्स स्टेटस को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि अक्षता अपने देश से प्यार करती है
और अंततः अपने माता-पिता की देखभाल के लिए वहां वापस चली जाएगी.
Non domicile tax status:सुनक ने द सन अखबार को बताया, ”उसे अपने देश के साथ संबंध तोड़ने के लिए कहना उचित नहीं होगा क्योंकि उसकी शादी मुझसे हुई है.
वह अपने देश से प्यार करती है.
जैसे मैं अपने देश से प्यार करता हूं, मैं कभी भी अपनी ब्रिटिश नागरिकता छोड़ने का सपना नहीं देखूंगा.
और मैं समझता हूं कि ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करेंगे.
अक्षता पर अपने नॉन डोमिसाइल टैक्स स्टेटस का इस्तेमाल लाखों की कर बचत के रूप में करने का आरोप है.
ब्रिटेन में हुए एक फाइनेंशियल फ्रॉड की वजह से अक्षता लंबे समय से खबरों में बनी हुई हैं.
उन पर आरोप है कि उन्होंने नियमों का गलत इस्तेमाल करके अपना टैक्स बचाया है.
Non domicile tax status का मतलब है कि अक्षता मूर्ति विदेशों में अर्जित आय पर ब्रिटेन में टैक्स का भुगतान करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है.
उनके पास इंफोसिस के शेयर हैं.
अक्षता, जिनकी मां सुधा मूर्ति एक समाजसेवी हैं,
की नॉन डोमिसाइल टैक्स स्टेटस पर विपक्षी दल ने सवाल उठाए हैं
और उनके पति ऋषि सुनक से स्पष्टीकरण की मांग की है.
सुनक ने कहा, “लोगों को, मुझे नहीं लगता,
इस तथ्य से कोई समस्या है कि डाउनिंग स्ट्रीट में एक भारतीय महिला रहती है.
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्षता मूर्ति ने खुद को ब्रिटेन का नागरिक नहीं बताया है.
इसके चलते ब्रिटेन में उन्हें इंफोसिस से होने वाली आय पर लगने वाले टैक्स से छूट मिली हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इंफोसिस में अक्षता मूर्ति की 0.93 फीसदी हिस्सेदारी है.
इससे उन्हें हर साल लगभग 95 करोड़ की आमदनी होती है.
ब्रिटिश भारतीय कैबिनेट मंत्री पहले भी ससुर नारायण मूर्ति और पत्नी के बचाव में सामने आए हैं,
जो इंफोसिस में लगभग 0.9 प्रतिशत हिस्सेदारी की मालिक हैं.
सुनक ने कहा, “ये मेरे ससुर की बदनामी करने की कोशिश है, जिन पर मुझे बहुत गर्व है.
वह आदमी कुछ भी नहीं था और उसने एक विश्व स्तरीय व्यवसाय बनाया है,
जो मुझे लगता है कि दुनिया भर में एक चौथाई मिलियन लोगों को रोजगार देते हैं
और जिसने भारत का चेहरा बदल दिया.”
उन्होंने कहा, “अगर मेरे ससुर ने अपने जीवन में जो हासिल किया, उसका दसवां हिस्सा मैंने हासिल किया, तो मैं एक खुश इंसान बनूंगा.
उन्होंने जो हासिल किया है, उस पर मुझे वास्तव में गर्व है.”
सुनक ने जोर देकर कहा कि उनकी पत्नी ने कोई नियम नहीं तोड़ा है.
द गार्डियन की रिपोर्ट बताती है कि यूनाइटेड किंगडम के टैक्स नियमों के मुताबिक, अक्षता मूर्ति ब्रिटेन की नागरिक नहीं हैं.
इसके चलते उन्हें दूसरे देशों, इस केस में भारत, से होने वाली आमदनी पर टैक्स नहीं देना पड़ता है.
जबकि एक आम ब्रिटिश नागरिक को ऐसी कमाई पर करीब 38 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है.
Non domicile tax status: सुनक ने कहा, “ब्रिटेन में वह जो भी पैसा कमाती हैं, उस पर वह यूके के करों का भुगतान करती हैं… और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो भी पैसा कमाती हैं,
उदाहरण के लिए भारत में, वह उस पर पूरा कर चुकाती हैं.”
सुनक ने कहा, “उसका अपना करियर रहा है.
उसका अपना निवेश है और वह यूके में करों का भुगतान कर रही है.
वह वह सब कुछ कर रही है जिसकी यह देश मांग करता है.”
इससे पहले मूर्ति के एक प्रवक्ता ने कहा कि गैर-निवासी का दर्जा
इसलिए है क्योंकि भारत दोहरी राष्ट्रीयता को मान्यता नहीं देता है
और वह ब्रिटेन में कानूनी रूप से सभी जरूरी कर का भुगतान करती हैं.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अक्षता मूर्ति भारत की नागरिक हैं, जो उनके जन्म का देश और माता-पिता का घर है.’
’उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने नागरिकों को एक साथ दूसरे देश की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं देता है.
इसलिए, ब्रिटिश कानून के अनुसार मूर्ति को ब्रिटेन में कर उद्देश्यों के लिए गैर-निवासी माना जाता है.
उन्होंने हमेशा अपने ब्रिटेन के पूरे करों का भुगतान किया है और करती रहेंगी.’’
अक्षता मूर्ति की कर स्थिति का विवरण सबसे पहले बुधवार को द इंडिपेंडेंट अखबार में छपा.
इससे ठीक पहले सुनक ने नए करों की घोषणा की थी, जो नए वित्त वर्ष के लिए लागू होंगे.
विपक्षी लेबर पार्टी ने स्पष्टीकरण मांगा कि क्या उनका परिवार,
जो इस समय 11 डाउनिंग स्ट्रीट में रहता है,
गैर-निवासी के रूप में पंजीकृत होने जैसी कर कटौती योजनाओं से फायदा उठा रहा है.