नई दिल्ली:Sri Lanka:चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में सबकुछ फ्री (freebies) देने की होड़ मची है और इस कारण देश के कई राज्य बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं.
Sri Lanka और यूनान (Greece) की तरह फ्री (freebies) देने की होड़ में कंगाल हो जाएंगे कुछ राज्य, यह चेतावनी दी है कि देश के कई शीर्ष नौकरशाहों ने.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अपनी चिंता से अवगत कराया है.
प्रधानमंत्री के साथ शनिवार को करीब चार घंटे तक चली बैठक में कुछ सचिवों ने इस बारे में खुलकर बात की.
उनका कहना था कि कुछ राज्य सरकारों की लोकलुभावन घोषणाओं और योजनाओं को लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता है.
Sri Lanka:अगर फ्री (freebies) देने की होड़ पर रोक नहीं लगी तो इससे राज्य आर्थिक रूप से बदहाल हो जाएंगे.
उनका कहना है कि लोकलुभावन घोषणाओं और राज्यों की राजकोषीय स्थिति (Fiscal Position) के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.
अगर ऐसा नहीं होता है तो इन राज्यों का श्रीलंका या यूनान जैसा हाल हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक इनमें से कई सचिव केंद्र में आने से पहले राज्यों में अहम पदों पर काम कर चुके हैं.
उनका कहना है कि कई राज्यों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है
और अगर वे भारतीय संघ का हिस्सा नहीं होते तो अब तक कंगाल हो चुके होते.
अधिकारियों का कहना है कि पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सरकारों ने जो लोकलुभावन घोषणाएं की हैं,
उन्हें लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता है.
इसका समाधान निकालने की जरूरत है.
कई राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों की सरकारें लोगों को मुफ्त बिजली दे रही है.
इससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ रहा है.
इससे हेल्थ और एजुकेशन जैसे अहम सामाजिक सेक्टरों के लिए फंड की कमी हो रही है.
बीजेपी ने भी हाल में हुए विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh assembly election) और गोवा में मुफ्त एलपीजी कनेक्शन (LPG connections) देने के साथ ही दूसरी कई लोकलुभावन घोषणाएं की थीं.
श्रीलंका क्यों हुआ बदहाल
पड़ोसी देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है.
पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया है. 13-13 घंटे बिजली गुल रहती है, अस्पतालों का कामकाज रुक गया है और देश पर मोटा कर्ज चढ़ चुका है.
लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं. देश में इस बदहाली के कई कारण हैं.
जब 2019 में मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी,
तब सभी को खुश करने के लिए उसने सभी लोगों के टैक्स आधे कर दिए थे.
इससे हालात खराब होने लगे और श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है.
उसके पास डीजल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं