Rajya Sabha Elections : नॉर्थ ईस्ट के इतिहास में पहली बार हुआ बड़ा उलटफेर, कांग्रेस का सफाया

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गुवाहाटी : Rajya Sabha Elections :  पूर्वोत्तर के राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और

उसके सहयोगी यूपीपीएल ने राज्यसभा की सभी 4 सीटें जीत लीं.

वहीं, कांग्रेस को संसदीय इतिहास में पहली बार उच्च सदन (राज्यसभा) में नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र से कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है.

बीजेपी ने त्रिपुरा सीट अपनी संख्या के बल पर जीती और नागालैंड सीट निर्विरोध जीती.

असम में क्रॉस-वोटिंग और अमान्य विपक्षी वोटों ने भगवा पार्ट

और उसके सहयोगी यूपीपीएल को उन दोनों सीटों पर जीत हासिल करने में मदद की, जिन पर चुनाव हुए थे.

Rajya Sabha Elections : पहली बार नॉर्थ ईस्ट से कांग्रेस का सफाया

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग/एनडीए) के 2 उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पबित्र मार्गरीटा

और यूपीपीएल के रंग्रा नरजारी असम से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी

और निर्वतमान सांसद रिपुन बोरा विपक्षी सदस्यों द्वारा दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के कारण चुनाव हार गए.

एनडीए के पास अब इस क्षेत्र से उच्च सदन की 14 में से 13 सीटें हैं। असम की 1 सीट पर निर्दलीय का कब्जा है.

बीजेपी ने नागालैंड सीट भी निर्विरोध जीती, जिस पर उसके सहयोगी एनपीएफ का कब्जा था.

त्रिपुरा में माकपा अपनी सीट भाजपा से हार गई.

त्रिपुरा में भाजपा उम्मीदवार और

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा ने सीपीएम उम्मीदवार, पूर्व मंत्री

और मौजूदा विधायक भानु लाल साहा को हराकर जीत हासिल की.

नागालैंड में भाजपा की एस फांगनोन कोन्याक ने राज्य की राजनीति में इतिहास रच दिया और राज्यसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं.

बता दें कि, मार्गरीटा को 46 मत मिले जबकि नरजारी को 44 और

बोरा को 35 वोट मिले। मार्गरीटा की जीत तय मानी जा रही थी.

असम विधानसभा के सभी 126 विधायकों ने मतदान किया और एक मत अमान्य पाया गया.

विधानसभा में सत्तारूढ़ राजग के पास 79 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा के पास 63,

एजीपी के पास नौ और यूपीपीएल के पास सात सीटें हैं.

सदन में विपक्षी सदस्यों की संख्या 47 है, जिनमें से कांग्रेस के 27, एआईयूडीएफ के 15,

बीपीएफ के तीन और माकपा का एक सदस्य है जबकि तीन विधायक निर्दलीय हैं.

कांग्रेस के दो विधायकों शशिकांत दास और शर्मन अली अहमद को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.

दास ने पहले ऐलान किया था कि वह राजग उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे जबकि बीपीएफ ने राज्य सरकार को समर्थन दे

दिया था लेकिन उसका अभी तक औपचारिक रूप से राजनीतिक गठबंधन नहीं हुआ है.

विपक्षी दलों ने पहले घोषणा की थी कि वे सर्वसम्मति से कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे लेकिन बोरा को 35 मत मिलने से संकेत मिलता है.

कि विपक्ष के सात विधायकों ने दूसरे उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया है।

कांग्रेस ने गुरुवार को करीमगंज (दक्षिण) से विधायक सिद्दीकी अहमद को ‘‘पार्टी के मुख्य सचेतक वाजिद अली चौधरी द्वारा जारी तीन लाइन के व्हिप की जानबूझकर अवज्ञा’’

करने के लिए तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया.

पार्टी ने कहा कि अहमद ने वोट करते वक्त जानबूझकर अंक के बजाय शब्द में लिखा जिससे उनका वोट अमान्य घोषित कर दिया गया.

राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान बृहस्पतिवार को हुआ

मतगणना शाम पांच बजे शुरू हो गयी थी लेकिन पांच विधायकों के खिलाफ कांग्रेस की शिकायतों के कारण इसमें देरी हुई.

आखिरकार रात साढ़े 10 बजे शुरू हुई और देर रात तक चलती रही.

मतगणना के दौरान सभी प्रत्याशी और उनके एजेंट मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि विजयी उम्मीदवारों को विपक्ष के ‘‘विवेकपूर्ण मत’’ मिले हैं.

Rajya Sabha Elections : उन्होंने एआईयूडीएफ को छोड़कर विपक्षी दलों से सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट देने की अपील की थी.

उन्होंने कहा, ‘‘असम ने राजग के दो उम्मीदवारों को निर्वाचित कर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है.

विजेताओं को मेरी शुभकामनाएं.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनावों में विपक्षी प्रत्याशियों के साथ विश्वासघात करने के बाद एआईयूडीएफ के 5 विधायक शुक्रवार को सुबह मुख्यमंत्री के आवास पर गए.

पार्टी के प्रवक्ता मंजीत महंत ने कहा,

‘‘सोनई से विधायक करीमुद्दीन बरभुइया, बदरपुर से अब्दुल अजीत, चेंगा से अशरफुल हुसैन, जानिया से हाफिज रफीकुल इस्लाम और

धींग से अमीनुल इस्माल को सुबह छह बजे सरमा के आवास में प्रवेश करते हुए देखा गया

और वे सुबह करीब साढ़े आठ बजे वहां से बाहर आए..

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