लखनऊ:U P Assembly Election 2022:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया सोमवार को संपन्न हो गई है. इस चरण में वेस्ट यूपी के 9 जिलों की 55 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया आयोजित की गई थी. जिसमें कुल 586 उम्मीदवार मैदान में थे.
इस चरण में शाम 5 बजे तक तकरीबन 60.44 फीसदी मतदाताओं (Voters) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
हालांकि 2017 के मुकाबले इस चुनाव में कुल मतदान में कमी दर्ज की गई है,
लेकिन इस बार मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर बंपर मतदान हुआ है.
इसके बाद से ही मतदान के इस रूझान को लेकर राजनीतिक विश्लेषण शुरू हो गया है.
आईए जानने व समझने की कोशिश करते हैं कि कहां अधिक मतदान हुआ है
और मतदान के इस रूझान के मायने क्या हैं.
तो वहीं यह किस के लिए नफा और किसके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है.
U P Assembly Election 2022:यूपी दूसरे चरण के चुनाव में कुल मतदान तकरीबन 61 फीसदी के पास रहने का अनुमान है.
जो 2017 की तुलना में कम है, लेकिन दूसरे चरण में मुस्लिम बाहुल्य जिलों में बंपर मतदान हुआ है.
जिसमें सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा संभल जिले शामिल हैं.
इन जिलों में मुस्लिम मतदाताओं ने खूब बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है.
आंकड़ों के मुताबिक सहारनपुर में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है.
जबकि मुरादाबाद, बिजनौर और संभल में भी 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है.
यूपी विधानसभा चुनाव इस बार 7 चरणों में आयोजित किया जा रहा है.
जिसके लिए दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया सोमवार को आयोजित की गई.
वेस्ट यूपी के 9 जिलों की 55 सीटों पर दूसरे चरण के तहत मतदान की प्रक्रिया आयोजित की गई है.
एक आंकड़े के अनुसार इन 55 में से 40 सीटों पर मुस्लिम व दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है.
जिसमें रामपुर, मुरादाबाद, संभल, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा जिलों की सीटें प्रमुख हैं.
2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी के इन 9 जिलों की 55 विधानसभा सीटों में सबसे अधिक पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
2017 के चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 38 सीटों पर जीत हासिल की थी.
जबकि सपा को मात्र 15 सीटों पर ही जीत मिली थी.
वहीं कांग्रेस 2 सीटों पर ही सिमट गई थी.
जिसमें इन विधानसभा सीटों से सपा के मुस्लिम उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल रहे थे.
दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही इसका राजनीतिक विश्लेषण निकाले जाने लगे हैं.
U P Assembly Election 2022:राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं की उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पहले और दूसरे चरण की अलग-अलग रुझान देखने को मिल रहे हैं.
इस बार देहात और शहर में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग है.
बात करें देहात के इलाकों में तो मतदान ज्यादा हो रहा है,
जिसका फायदा सपा और रालोद गठबंधन को होने की संभावना है.
जबकि शहरी क्षेत्र में मतदान का कम होना बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.