Weather:बारिश और बर्फबारी की संभावना,उत्तर प्रदेश में जारी है ठंड का सितम

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नई दिल्ली : Weather : दिल्ली में बुधवार सुबह हल्का कोहरा रहा और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया,

जो Weather के औसत तापमान से तीन डिग्री कम है.

फरवरी का महीना शुरू हो गया है लेकिन अभी भी उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल रही है.

एक तरफ जहां लोगों को ठंड और कोहरे के चलते परेशानी झेलनी पड़ी रही है

तो वहीं दिल्ली में एक बार फिर बारिश का अनुमान जताया गया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग(आईएमडी) ने यह जानकारी दी.

इसी के साथ मौसम विभाग ने अगले 2 दिन यानी 3-4 फरवरी को बारिश होने का अनुमान जताया है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी ठंड का सितम जारी है.

राज्य के कई हिस्सों में भारी की संभावना भी जताई गई है.

मौसम विभाग में 6 फरवरी तक मौसम इस तरह का मौसम बने रहने की बात कही है.

वहीं कश्मीर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है

और मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिनों में बारिश या बर्फबारी का अनुमान जताया है.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस कम तापमान दर्ज किया गया है जो पिछली रात के 1.8 डिग्री से. तापमान से चार डिग्री कम है.

मशहूर स्की स्थल गुलमर्ग में शून्य से 8.0 डिग्री से. कम तापमान दर्ज किया गया.

दक्षिण कश्मीर में पहलगाम पर्यटक स्थल पर शून्य से 6.1 डिग्री से. कम तापमान दर्ज किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि काजीगुंड में पिछली रात के शून्य से 0.3 डिग्री से. कम तापमान के मुकाबले शून्य से 2.8 डिग्री से. कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग शहर में शून्य से 2.6 डिग्री से. नीचे तापमान दर्ज किया गया.

उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में शून्य से 2.2 डिग्री से. कम तापमान दर्ज किया गया.

Weather मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि बुधवार से दो दिनों के लिए और शुक्रवार को कुछ स्थानों पर बारिश या बर्फबारी की संभावना है.

कश्मीर अभी 20 दिन के ‘चिल्लई-खुर्द’ की चपेट में है जो 40 दिन की कड़ाके की ठंड की अवधि ‘चिल्लई-कलां’ खत्म होने के बाद सोमवार से शुरू हुआ.

‘चिल्लई कलां’ पिछले साल 21 दिसंबर को शुरू हुआ. ‘

चिल्लई कलां’ तब शुरू होता है जब क्षेत्र में शीत लहर का प्रकोप होता है और पारा इतना गिर जाता है कि यहां मशहूर डल झील समेत जलाशय जम जाते हैं.

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक रहती है खासतौर से पहाड़ी इलाकों में.

‘चिल्लई कलां’ की अवधि 31 जनवरी को समाप्त हुई.

इसके बाद 20 दिन का ‘चिल्लई खुर्द’ (कम ठंड) और 10 दिवसीय ‘चिल्लई बच्चा’ शुरू होगा.

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