GANGSTER MANUAL 2021: UP ने किया नियम में बदलाव, नाबालिग भी आएगें एक्ट की जद में

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GANGSTER MANUAL 2021

लखनऊ : GANGSTER MANUAL 2021 योगी सरकार ने अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए Gangster Manual 2021 में बदलाव कर दिया है.

अब गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई होने पर आरोपी की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.

प्रदेश में पहली बार गैंगस्टर नियमावली 2021 में इसका प्रवधान किया गया है.

पहले भी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान था पर वो वैकल्पिक था

और अलग अलग मामलों के अनुसार निर्णय लिया जा सकता था.

पर नई नियमावली में गैंगस्टर अधिनियम में संपत्ति तो जब्त की ही जाएगी,

साथ ही नई नियमावली में डीएम के अधिकार को और बढ़ा दिया गया है.

अब एक ही क्राइम करने पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जा सकती है,

पहले गैंगस्टर की कार्रवाई करने के लिए दो या उससे अधिक केस होने जरूरी थे.

अब धारा 376डी यानी सामूहिक दुष्कर्म, 302 यानी हत्या, 395 यानी लूट,

396 यानी डैकती और 397 यानी हत्या कर लूट जैसे अपराधों में गैंगस्टर लगाया जा सकता है.

साथ ही अब अगर कोई नाबालिग भी गंभीर धाराओं में अपराध करता है

तो उस पर डीएम की अनुमति से गैंगस्टर की कार्रवाई की जा सकेगी.

पहले नाबालिग इस तरह की कार्रवाई से बच जाते थे.

GANGSTER MANUAL 2021 : गैंगस्टर के मामले में विवेचक को अपनी विवेचना के दौरान या आरोप पत्र दाखिल करते समय संपत्ति जब्ती की रिपोर्ट भी देनी होगी.

अगर विवेचक ऐसा नहीं करता है तो डीएम इसका कारण एसएसपी से पूछेंगे.

साथ ही संपत्ति जब्ती आने पर डीएम उसकी जांच भी करा सकते हैं.

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी वीडी मिश्रा ने गोरखपुर के थानेदारों को नए नियमावली के बारे में कहा कि पुरानी व्यवस्था में गैंगस्टर की कार्रवाई उसी पर होती थी

जिसका नाम गैंग चार्ट में दर्ज होता था.

विवेचक विवेचना के दौरान नाम नहीं बढ़ा सकते थे.

अब नई नियमावली के तहत अपराध में संलिप्तता मिलने पर या फिर अपराधी का सहयोग करने का सबूत मिलने पर डीएम की अनुमति से किसी का भी नाम बढ़ाया जा सकता है.

नई नियमावली में गैंगस्टर में निरुद्ध अपराधी पर दर्ज सभी मामलों का विवरण भी गैंग चार्ट में दर्ज किए जाएंगे.

गैंगस्टर एक्ट में कहीं कोई लापरवाही न हो इसके लिए डीएम हर तीन महीने में,

कमिश्नर हर छह माह में और एसीएस होम हर साल इसकी समीक्षा करेंगे.

गैंगस्टर के तहत हुई गलत कार्रवाई को अब वापस भी लिया जा सकेगा.

विवेचना के दौरान डीएम उसे खारिज कर सकेंगे.

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