क्या 14 साल बाद Ram Rahim को मिल जाएगी आजादी या जिंदगीभर खानी पड़ेगी जेल की रोटी?

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Ram Rahim

नई दिल्ली : Ram Rahim : डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड के मामले में Ram Rahim

और अन्य 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में सोमवार को 19 साल बाद फैसला आया है.

अब राम रहीम को जीवनभर जेल में ही रहना होगा.

उम्रकैद की सजा का नाम आते ही कई लोगों के मन में सवाल आते हैं

कि क्या इसमें दोषी को 14 साल बाद ही रिहाई मिल जाती है

या फिर कैदियों को दिन-रात को दो अलग-अलग दिन के रुप में गिना जाता है.

ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि उम्रकैद की सजा किस तरह मिलती है

और क्या सही में 14 साल का नियम उम्रकैद में लागू होता है.

उम्रकैद में क्या होता है?

उम्रकैद में दोषी व्यक्ति को जेल में रखा जाता है और उसे जिंदगीभर जेल में ही रहना होता है.

कई बार कैदी लगातार कोर्ट में इसके लिए याचिका भी दायर करते हैं,

जिस पर कोर्ट अपने हिसाब से फैसला करता है.

इसी बीच कैदी को पैरोल, मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर किया जाता है,

लेकिन फिर से जेल में आना पड़ता है.

मगर जीवन जेल में ही गुजरता है.

14 साल के बाद मिल जाती है छुट्टी?

सवाल यह है कि आखिर उम्रकैद के लिए 14 साल की बात क्यों कही जाती है.

भारत के सु्प्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया था कि उम्रकैद का मतलब क्या है.

दिल्ली हाईकोर्ट के वकील प्रेम जोशी ने टीवी-9 को बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही यह साफ कर दिया है

कि सीआरपीसी के आर्टिकल 72 और 161 के तहत उम्रकैद का मतलब है पूरी जिंदगी जेल में रहना.

साथ ही उम्रकैद की अवधि 14 साल है.’ साथ ही उन्होंने बताया कि 14 साल का कोई मतलब नहीं होता है

और ऐसा नहीं है कि उम्रकैद के आरोपी की 14 साल में रिहाई हो जाती है.

तो फिर 14 साल की बात कहां से आई?

दरअसल, इसकी एक वजह है. ऐसा क्रिमिनल प्रोसिजर कोड के एक प्रोविजन की वजह से है

जिसमें 14 साल की लिमिट का जिक्र किया जाता है.

इस प्रोविजन के अनुसार जब अपराधी 14 साल की सजा काट लेता है

तो उसके व्यवहार के आधार पर उसके केस को सेंटेंस रिव्यू कमिटी के पास भेजा जाता है.

वहीं इस मामले में राज्य सरकार ही इसकी सजा में कमी कर सकती है.

हालांकि कई ऐसे केस होते हैं,

जिनमें यह सजा कम नहीं हो पाती है.

राज्य सरकारों की ओर से कई लोगों की सजा माफ कर दी जाती है, जिससे लोग समझते हैं

कि उम्रकैद में 14 साल बाद ही रिहाई मिल जाती है.

आपने देखा होगा कि हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन कई कैदियों की रिहाई कर दी जाती है,

वो इसी वजह से होती है.

Ram Rahim : उम्रकैद की कम भी हो जाती है जेल

अगर उम्रकैद की बात करें तो इसमें कई बार सजा कम भी जाती है.

दरअसल 14 साल पहले जब अपराधी सजा कम करने के लिए अपील करता है तो उन्हें छूट मिल जाती है.

इसके लिए जेल का प्रशासन एक रिपोर्ट तैयार करता है

और यह कैदी के व्यवहार के आधार पर तैयार किया जाता है

कि उसे छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं.

इसके बाद सरकार की ओर से लिस्ट तैयार होती है

और उन कैदियों को सोशल लाइफ के लिए रिहा कर दिया जाता है.

Ram Rahim : दिन रात को अलग अलग गिना जाता है?

कई लोगों का मानना होता है कि सजा में दिन और रात को अलग अलग गिना जाता है,

लेकिन ऐसा नहीं है.

वकील जोशी ने जानकारी दी है कि 24 घंटे को ही दिन गिना जाता है.

जैसे मान लीजिए अगर किसी को 6 साल की सजा सुनाई जाती है,

तो उसे ठीक 6 साल की सजा होगी, न कि 3 साल की.

दिन और रात कभी अलग-अलग नहीं गिने जाते और यह सिर्फ फिल्मों की बात है.

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