Kanhaiya Kumar और जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में शामिल

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Kanhaiya Kumar

नई दिल्ली: Kanhaiya Kumar पूर्व अध्यक्ष जेएनयू छात्र संघ और CPI नेता और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी आज यानी मंगलवार को कांग्रेस (Congress) में शामिल हो गए हैं.

इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे.

राहुल गांधी ने खुद दोनों नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है.

Kanhaiya Kumar और जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दिल्ली में शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क में मुलाकात की.

उधर CPI नेताओं ने लोक हस्तक्षेप को बताया कि पार्टी महासचिव डी राजा ने कन्हैया कुमार से,

उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर उड़ रहीं अफवाहों का खंडन करने के लिए कहा था.

इसके लिए दिल्ली में सीपीआई मुख्यालय अजय भवन में बकायदा एक संवाददाता सम्मेलन भी रखा गया था.

CPI के उनके कई सहयोगी इस दौरान कुमार का इंतजार कर रहे थे कि वो आएंगे और अफवाहों पर लगाम लगाएंगे, हालांकि ऐसा हो न सका.

कन्हैया को बार-बार फोन किया गया,

लेकिन एक भी कॉल और मैसेज का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

कुमार के रिस्पॉन्स न करने की बात पर डी राजा ने कहा, ‘देखते हैं.’

ऐसी चर्चाएं हैं कि कुमार अपनी वर्तमान पार्टी (CPI) से नाखुश हैं.

क्योंकि वो पार्टी में कोई बड़ी भूमिका निभाना चाहते थे.

कांग्रेस में शामिल होने की अफवाहें इसलिए भी सच का रुख कर रही हैं,

क्योंकि दो दिन पहले कन्हैया कुमार बिहार राज्य मुख्यालय अजय भवन से अपने द्वारा लगाए गए AC को भी निकाल कर ले गए.

 Kanhaiya Kumar कट्टर मोदी विरोधी राजनेता माने जाते हैं.

वो अपने अंदाज में जब मोदी पर निशाना साधते हैं तो लोग उसे दिलचस्पी से सुनते हैं.

उनकी सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ती है.

बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की तरफ से वे स्टार प्रचारक थे.

विधानसभा चुनाव में वामदलों को गठबंधन का सबसे ज्यादा फायदा हुआ था.

पार्टी ने कई नए इलाकों में भी पैठ बनायी थी.

महागठबंधन की ओर से इस चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को 29 सीटें दी गई थीं,

जिनमें से 16 सीटों पर उन्हें जीत मिली है.

पिछले चुनाव में लेफ्ट को सिर्फ 3 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था.

कांग्रेस 60 सीटों पर चुनाव लड़कर महज 19 सीट ही जीत पाई थी.

वाम दलों की इस जीत का श्रेय कन्हैया कुमार को भी दिया गया.

अब जब कन्हैया कुमार कांग्रेस के होंगे तो उनपर बड़ी जिम्मेदारी होगी कांग्रेस की खोई जमीन को वापस दिलाने की.

कांग्रेस जो कभी बिहार में शाषण करती थी अब यहां RJD की पिछलग्गू की भूमिका में है.

पार्टी यहां एक तरह से राष्ट्रीय जनता दल के रहमोकरम पर है.

पिछले 5 विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है.

फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 सीट,

अक्टूबर 2005 में 9, तो 2010 में बिहार में कांग्रेस चार कंधों यानी महज चार सीट वाली पार्टी बनकर रह गई.

हाल ही में कन्हैया कुमार ने इस बारे में राहुल गांधी से मुलाकात की थी.

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के पास कन्हैया कुमार के लिए प्लान है, जिसपर अमल किया जाएगा.

बिहार में कांग्रेस जल्द ही अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान भी कर सकती है.

जानकारी के अनुसार पिछले कई समय से दोनों नेता कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में थे.

वहीं जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं.

कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से उम्मीदवार नहीं उतारकर जिग्नेश की मदद की थी.

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