नई दिल्ली : Bharat Biotech ने आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) के लिए अपनी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के सभी डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सौंप दिए हैं.
कंपनी का कहना है कि अब उसे डब्ल्यूएचओ के फीडबैक का इंतजार है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सभी डाटा की समीक्षा की जा रही है.
हालांकि यह कंफर्म नहीं है कि डाटा के आधार पर वैक्सीन पर फैसला कब तक किया जाएगा.
भारत बायोटेक ने अपने बयान में कहा कि हमने डब्ल्यूएचओ द्वारा मांगी गई हर स्पष्टीकरण का जवाब दिया है
और आगे की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
अभी कुछ दिन पहले ही कंपनी ने कहा था कि स्वदेशी कोविड-19 रोधी टीका
कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी इसी महीने मिलने की संभावना है.
डब्ल्यूएचओ ने अब तक अमेरिका की प्रमुख दवा कंपनियों फाइजर-बायोएनटेक,
जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, चीन की साइनोफार्म और
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूदी दी है
कोवैक्सीन उन छह टीकों में शामिल है
जिन्हें भारत के औषधि नियामक से आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है
और देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम में कोविशील्ड
और स्पूतनिक वी के साथ इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘इस महीने डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिलने की संभावना है.
’ केंद्र ने जुलाई में राज्यसभा को बताया था कि डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची
(ईयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज भारत बायोटेक ने नौ जुलाई तक जमा कर दिए हैं
और वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है.
Bharat Biotech : एक और वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को मिली मंजूरी
देश में फिलहाल भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन,
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड
और रुसी वैक्सीन स्पूतनिक वी लगाई जा रही है.
इसके साथ ही भारत के औषधि महानियंत्रक ने रिलायंस लाइफ साइंसेस को
उसके स्वदेश विकसित कोविड-19 टीके के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सार्स-सीओवी-2
रिकांबिनेंट प्रोटीन सबयूनिट टीके की स्वस्थ प्रतिभागियों में प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा
और प्रतिरक्षा क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण किया जाएगा.