Study On Viruses : एक से अधिक वायरस एक साथ हमला करते हैं तो क्या होता है?

0
295
Viruses

हेल्थ डेस्क,लोक हस्तक्षेप

Study On Viruses:वायरस का नाम सुनते ही कोरोना हर किसी के जेहन में एक ही नाम आता है सार्स सीओवी-2 का, जिससे कोरोना होता है.

लेकिन इंन्फ्लुऐंजा ए (आईएवी) और रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (आरएससी),

जैसे श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस भी हैं जो हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण बनते हैं.

इंन्फ्लुऐंजा और सार्स सीओवी2 को छोड़कर तो इनमें से किसी भी

वायरस से बचाव के लिए कोई टीका या किसी तरह का प्रभावी उपचार तक नहीं है.

ग्लासगो विश्वविद्यालय में हाल में हुआ एक अध्ययन बताता है कि जब आप पर एक से अधिक वायरस एक ही बार में हमला करते हैं तो क्या होता है

और हमें इनसे बचाव के लिए क्या करना चाहिए.

इस स्थिति को ‘को-इन्फेक्शन’ कहा जाता है.

Study On Viruses: पता चलता है कि संक्रमण के 30 फीसदी मामलों में कारण एक से अधिक वायरस हो सकते हैं.

इसका मतलब यह है कि किसी बिंदु पर दो अलग-अलग वायरस आपकी नाक या फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित कर रहे हैं.

एक ही कोशिका के भीतर इन अलग-अलग वायरस का मेल होने पर वायरस का नया ही स्वरूप सामने आता है

और इसे ‘एंटीजेनिक शिफ्ट’ कहते हैं.

जब आप पर दो वायरस एक साथ हमला करते हैं इसे को-इन्फेक्शन या सह-संक्रमण कहा जाता है

और ये वायरस के लिए संकट पैदा करता है.

कई बार कुछ वायरस दूसरे वायरस को ब्लॉक करते नजर आते हैं, जबकि कुछ वायरस एक-दूसरे से मिल जाते हैं.

हालांकि, को-इन्फेक्शन के दौरान होने वाली इन सकारात्मक और नकारात्मक क्रियाओं में से क्या फर्क पड़ता है,

इसकी जानकारी नहीं है,

लेकिन जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि यह क्रियाएं इस बात की जानकारी देने में मददगार साबित हो सकती हैं कि आप कितने बीमार हैं.

ग्लासगो विश्वविद्यालय के अध्ययन ने इस बात की जांच की,

क्या होता है जब आप दो ह्यूमन रेस्पिरेटरी वायरस के साथ एक डिश में कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं.

अपने प्रयोगों के लिए, उन्होंने IAV और RSV वायरस को चुना,

जो दोनों सामान्य हैं और हर साल बहुत सारी बीमारी और मृत्यु का कारण बनते हैं.

आईएवी और आरएसवी से कोशिका को संक्रमित किया गया.

इसमें शोधकर्ताओं ने देखा कि क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी जैसी उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके प्रत्येक वायरस के साथ क्या होता है?

अध्ययनकर्ताओं ने इसमें पाया कि मानव फेफड़ों की कुछ कोशिकाएं दोनों वायरस से संक्रमित हुईं

और कोशिका से जो वायरस उभर कर सामने आया उसमें दोनों वायरस की विशेषताएं थीं.

नए स्वरूपों में से कुछ की सतह पर दोनों वायरस के प्रोटीन जबकि कुछ में तो दोनों के जीन तक एक थे.

रोगाणुओं का अध्ययन टीके और उपचार के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.लेकिन सर्वप्रथम आवश्यक सुरक्षा है.

यहां, यह बताना भी जरूरी है कि अध्ययनकर्ताओं ने इस अध्ययन में

कोई जेनेटिक इंजीनियरिंग नहीं की बल्कि मॉडल के जरिए वह समझा जो वास्तविक दुनिया में घट रहा है

और यह भी उन्होंने प्रयोगशाला में सुरक्षित माहौल में किया.

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

Download our App

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here