Covid danger मंडरा रहा है, प्रोटोकॉल का रखें ध्‍यान: WHO

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नई दिल्ली : Covid danger कोरोना से बचाव के लिए अभी अगले 6 महीने बहुत ही महत्‍वपूर्ण हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ की मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने बड़ा बया​न​ दिया है.

अगर तब तक टीकाकरण दर अच्‍छा रहा तब तो कोरोना में सुधार देखने को मिलेगा.

देश में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ते ही राज्‍यों ने ढील देनी शुरू कर दी है.

कुछ राज्‍यों में स्‍कूल-कॉलेज खुल गए हैं, जबकि कई राज्‍य जल्‍द ही खोलने वाले हैं.

 Covid danger मंडरा रहा है वैज्ञानिकों का अभी यही कहना है कि कोरोना की रफ्तार कम जरूर हुई है

लेकिन यहीं नहीं अगले कुछ हफ्तों में ही तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है.

डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि अभी सभी देशों को कोरोना प्रोटोकॉल को बनाए रखना चाहिए.

अभी बहुत ही सावधानी से रहना चाहिए, एकदम लापरवाही नहीं करनी चाहिए.

अगले कुछ महीने कोरोना को लेकर बहुत महत्‍वपूर्ण हैं.

एक अन्‍य अध्‍ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में 2020 में कोविड-19,

वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने देश में महिलाओं की पोषण स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला.

अमेरिका में शोधकर्ताओं के एक समूह के अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है.

कृषि एवं पोषण के लिए टाटा-कोर्नेल इंस्टीट्यूट द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े चार जिलों

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, बिहार के मुंगेर, ओडिशा के कंधमाल और कालाहांडी में किए गए अध्ययन,

में पाया गया कि मई 2019 की तुलना में मई 2020 में घरेलू खाद्य सामग्रियों पर खर्च और महिलाओं की आहार विविधता में गिरावट आई,

खासकर मांस, अंडा, सब्जी और फल जैसे गैर मुख्य खाद्यों के संदर्भ में.

अध्ययन में कहा गया कि विशेष सार्वजनिक प्रणाली वितरण (पीडीएस) के 80 प्रतिशत,

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के 50 प्रतिशत और आंगनवाड़ियों से राशन सर्वेक्षित घरों में 30 प्रतिशत तक पहुंचने के बावजूद ऐसा हुआ.

अध्ययन में कहा गया, ‘हमारे परिणाम आर्थिक आघातों के प्रति महिलाओं की अनुपातहीन संवेदनशीलता,

प्रधान अनाज केंद्रित सुरक्षा कार्यक्रम के प्रभाव और और विविध पौष्टिक खाद्य पदार्थों की पहुंच एवं उपलब्धता पर सीमित बाजार के बढ़ते साक्ष्य मुहैया कराते हैं.’

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