Antibody Cocktail कोरोना महामारी में क्या ‘गेम चेंजर’ साबित होगा ?

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Antibody Cocktail जिन लोगों को एंटी-कोविड कॉकटेल दिया गया था उनमें से 80 फीसदी को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी.

नई दिल्ली: Antibody Cocktail अगर ये दवाएं बड़ी मात्रा में और उचित कीमत पर बनाई जाती हैं तो यह भारत और दुनिया के लिए एक ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है.

Antibody Cocktail ड्रग का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए शुरू हो गया है.

यह एंटीबॉडी कॉकटेल दवा देश में बीते सोमवार को लॉन्च की गई थी.


खास तौर से हाई रिस्क वाले बच्चों कम उम्र के मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है.

एक साल के ही अंदर ऐसा समय भी आ सकता है

जब कोई भी संक्रमित शख्स मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसीत कर सकता है.

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यह तरह से वो गंभीर स्थिति से बच जाएगा. हमें इस पर शीघ्रता से काम करना चाहिए.”

मेदांता अस्पताल के डॉ अरविंद्र एस सोइन ने एएनआई को बताया कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ड्रग का प्रोडक्शन,

Antibody Cocktail भारत में अगर कुछ कम दाम पर हो पाता है तो यह देश के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है.

डॉ अरविंद्र एस सोइन ने कहा कि मरीज के संक्रमित होने के कुछ समय बाद ही यह दवा दे देनी चाहिए.

संक्रमित होने के एक हफ्ते के भीतर यह दवा देना बेहतर है.

इससे रोग की गंभीरता और मौत की संभावना से बचा जा सकता है.


डोनाल्ड ट्रंप हैं जो पिछले साल कोरोना संक्रमित हुए थे और काम पर वापस लौट आए.

हालांकि यह इलाज अभी भी बहुत महंगा है.

Antibody Cocktail दवा अस्पतालों में सिप्ला की ओर से मुहैया कराई जा रही है, जिसके एक डोज की कीमत 59,000 रुपये है.

कोरोना से इलाज के लिए केवल एक ही डोज की जरूरत होती है.

ये दवा माइल्ड से मॉडरेट कोरोना संक्रमित मरीजों को दी जा सकती है.

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व्यस्कों और 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को जो माइल्ड से मॉडरेट कोरोना के इलाज के लिए,

जिन्हें गंभीर रोग विकसित होने का हाई रिस्क है और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है.

ऐसे मरीजों को एंटीबॉडी कॉकटेल (Casirivimab और Imdevimab) दिया जा सकता है.

हाई रिस्क वाले मरीजों की स्थिति खराब होने से पहले ये देखा गया है कि उनका रिस्क कम हो जाता है.

अस्पताल में भर्ती और मृत्यु दर 70% और लक्षणों की अवधि को चार दिनों तक कम हो जाता है.

कासिरिविमैब और इमडेविमैब ये दोनों मोनोक्लॉनल एंटीबॉडीज या लैब में बनाए हुए प्रोटीन होते हैं,

जो इंसान के इम्युन सिस्टम की नकल करते हुए वायरस आदि से लड़ने के लिए तैयार किए जाते हैं.

कासिरिविमैब और इमडेविमैब को खास तौर पर कोविड महामारी फैलाने वाले वायरस,

SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ कार्य करने के लिए तैयार किया गया है.

इस कॉकटेल में दोनो एंटीबॉडीज की 600-600mg की खुराक दी जाती है.

इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.

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