2019 Chaitra Navratri : नवरात्रि के उपवास से देवी दुर्गा होती हैं प्रसन्न

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2019 Chaitra Navratri : नवरात्र से होता है हिंदु नववर्ष यानि नए विक्रम संवत का आगाज़

नई दिल्ली:LNN:2019 Chaitra Navratri नवरात्र यानि आदि शक्ति के नौ दिन और वो नौ रातें जो केवल मां दुर्गा (Maa Durga) को ही समर्पित हैं.

भारतीय कैलेंडर की गणना सूर्य और चंद्रमा के अनुसार होती है.जिसके अनुसार नया साल चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से होता है.

इसे नव संवत्सर भी कहते हैं इस बार यह 6 अप्रैल से शुरू होगा.

शनिवार से नव संवत्सर विक्रम संवत 2076 और शक संवत 1941 शुरू हो जायेगा.

इस नव संवत्सर का नाम परिधावी होगा. इन नववर्ष में राजा शनि और मंत्री सूर्य होंगे.

परिधावी संवत्सर में सामान्यतः अन्न महंगा , मध्यम वर्षा, प्रजा में रोग ,उपद्रव अदि होते हैं और इसका स्वामी इन्द्राग्नि कहा गया है .

इन नौ दिनों में दिन हो या रात देवी दुर्गा की ही आराधना की जाती है

देवी के अलग अलग 9 रूपों की पूजा अर्चना और भक्ति को ही समर्पित हैं नवरात्र के ये नौ दिन. साल में यू तो चार नवरात्र होते हैं.

जिनमें से 2 गुप्त नवरात्र होते हैं जिनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते तो वही 2 और नवरात्र चैत्र और शरद महीने में आते हैं.

शारदीय नवरात्र जहां अक्टूबर महीने में आते हैं.

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हर साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) अप्रैल महीने में होते हैं जिनका आगाज़ 6 अप्रैल से यानि शनिवार से होने जा रहा है.

चैत्र नवरात्र की तारीख (Chaitra navratri Date)

2019 Chaitra Navratri: 6 अप्रैल से यानि शनिवार से नवरात्र का आगाज़ होने जा रहा है

शनिवार को पहला नवरात्र मनाया जाएगा और पहले दिन मां दुर्गा की पहली शक्ति देवी शैलपुत्री(Shailputri) की पूजा अर्चना की जाएगी.

घटस्थापना का क्या है मुहूर्त
वही नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है. लेकिन घटस्थापना भी लोग शुभ मुहूर्त में ही करते हैं.

वही 2019 चैत्र नवरात्र के घटस्थापना के शुभ समय की बात करें.

तो आप सुबह 6.09 बजे से लेकर 10.19 बजे तक सबसे अच्छा मुहूर्त है.

इन देवियों की होती है पूजा
प्रथम नवरात्र – शैलपुत्री
द्वितीय नवरात्र – ब्रह्मचारिणी
तृतीय नवरात्र – चंद्रघंटा
चतुर्थी नवरात्र – कुष्मांडा
पंचमी नवरात्र – स्कंदमाता
षष्ठी नवरात्र – कात्यायनी
सप्तमी नवरात्र – कालरात्रि
अष्टमी नवरात्र – महागौरी
नवमी नवरात्र – सिद्धिदात्री

पहले दिन कलश स्थापना फिर रामनवमी के दिन अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के बाद नवरात्रि का समापन होता है.

मां शक्ति के 9 दिनों तक चलने वाले उपवास और पूजा-आराधना में कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं,

जिससे यह समझा जाता है कि माता की कृपा आप के ऊपर हुई है या नहीं.

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ऐसे संकेत से आप के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा मानी जाती है.

नवरात्रि के अवसर पर कमल का फूल दिखाई दे जाएं तो समझिए आपके ऊपर माता दुर्गा की विशेष कृपा होने वाली है.

नवरात्रि के दिनों में आपको मंदिर से निकलते ही गाय के दर्शन हो जाए,

तो समझिए जल्दी ही आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होनी वाली है.

नवरात्रि में अगर सपने में उल्लू दिखाई दे,

तो समझिए माता आपकी पूजा से प्रसन्न हैं और बहुत जल्द आपके घर पर धन-संपदा आने वाली है.

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