mehbooba mufti जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ उतरीं सड़क पर

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mehbooba mufti का प्रदर्शन जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ, केंद्र सरकार ने संगठन पर लगाई है पांच साल की पाबंदी,कई बड़े नेता गिरफ्तार

श्रीनगर:LNN: mehbooba mufti जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री राज्य के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी संगठन पर लगाए गए बैन के खिलाफ सड़क पर उतर आई हैं.

वह पीडीपी वर्कर के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.

mehbooba mufti पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘लोकतंत्र विचारों का संघर्ष होता है

ऐसे में जमात-ए-इस्लामी पर पाबंदी लगाने की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है.

यह जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे से अक्खड़ और धौंस से निपटने की भारत सरकार की पहल का एक अन्य उदाहरण है.’

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उन्होंने कहा, ‘जमात-ए-इस्लामी से भारत की सरकार इतनी असुविधाजनक नहीं है.

कश्मीरियों के लिए अथक परिश्रम करने वाले एक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

क्या अब बीजेपी विरोधी राष्ट्र विरोधी हो रहा है?

केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस आधार पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी (जम्मू कश्मीर) पर पांच साल के लिए पाबंदी लगाई थी

उसकी आतंकवादी संगठनों के साथ साठगांठ है

राज्य में अलगाववादी आंदोलन बहुत तेज होने की आशंका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन पर पाबंदी लगाते हुए अधिसूचना जारी की.

जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामिक राजनीतिक पार्टी है

जिसकी स्थापना 1941 में इस्लामी विचारक मौलाना अबुल आला मौदूदी ने खुदा की सल्तनत स्थापित करने के मकसद से की थी.

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उन्होंने इस्लाम को धार्मिक मार्ग से परे एक राजनीतिक विचारधारा प्रदान करने वाले रास्ते के रूप में देखा था.

जमात-ए-इस्लामी के तीन धड़े हैं – जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमात-ए-इस्लामी-पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी कश्मीर.

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