गुजरात में नितिन पटेल होंगे उपमुख्यमंत्री 

नई दिल्ली। गुजरात में भाजपा ने फिर से विजय रूपाणी पर ही दांव लगाया है जो कड़ी टक्कर के बावजूद चुनाव जीतने में सफल रहे।

भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद साफ हो गया कि विजय रूपाणी ही गुजरात के मुख्यमंत्री होंगे।

विजय रूपाणी पर ही फिर से भरोसा दिखाने के पीछे भाजपा की सोची-समझी रणनीति है।

विजय रूपाणी जैन बनिया समुदाय से आते हैं जिसकी संख्या पूरे गुजरात में दो से तीन फीसदी है।

यानी रूपाणी, पटेल या किसी गैर पटेल समुदाय की मजबूत जाति से नहीं आते हैं।

इस बार भाजपा के साथ रहने वाले पटेलों में से करीब 31 फीसदी वोटरों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया।

फिर भी भाजपा को 57 फीसदी पटेल वोट मिला।

हार्दिक पटेल के आंदोलन का असर चुनाव में दिखा.

लेकिन भाजपा ने पटेलों की नाराजगी को गैर-पटेल वोटरों से साध कर दूर कर लिया।

भाजपा ने इस बार कुल 52 पटेल उम्मीदवार को मैदान में उतारा था, जिसमें 32 चुनाव जीतने में सफल रहे।

गुजरात की 182 सीटों में से 49 पटेल चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।

जिनमें भाजपा के 32 और कांग्रेस के महज 17 पटेल उम्मीदवार जीत पाए हैं।

कांग्रेस की तुलना में भाजपा के ज्यादातर पटेल उम्मीदवार के चुनाव जीतने की वजह उन इलाकों में गैर पटेल समुदाय का बीजेपी के पक्ष में लामबंद होना माना जा रहा है।

जहां कांग्रेस और बीजेपी के पटेल समुदाय के उम्मीदवार आमने-सामने थे।

पटेल-पटेल की कांग्रेस की रट ने बीजेपी को पटेल बेल्ट में अंदरखाने खूब फायदा पहुंचा दिया जिसका नतीजा सामने है।

गुजरात में पटेल समुदाय का वोटों का प्रतिशत 15 है

भाजपा ने इसी रणनीति के तहत विजय रूपाणी को फिर से सामने किया है।

भाजपा को लगता है कि फिर से विजय रूपाणी को ही आगे किया जाता है,

तो उन गैर पटेल समुदाय के लोगों को अपने पाले में मजबूती के साथ जोड़ा जा सकता है।

गुजरात में पटेल समुदाय का वोटों का प्रतिशत 15 है, जबकि ओबीसी की तादाद 51 फीसदी के आस-पास है।

गैर पटेल मुख्यमंत्री को बनाए रखने से ओबीसी जातियों को साधने की कोशिश की जा सकती है।

जबकि आदिवासी और बाकी इलाकों में भी भाजपा को मजबूत करने की कोशिश हो सकती है।

व्यापारी समुदाय के विजय रूपाणी को फिर से कमान सौंपकर भाजपा ने समुदाय को एक संदेश दिया है।

क्योंकि इस बार जीएसटी और नोटबंदी की मार के बावजूद नाराज बनिया समुदाय ने भाजपा के पक्ष में ही मतदान किया।

चाहे विजय रूपाणी का राजकोट हो या फिर गुजरात का सूरत का इलाका भाजपा ने कारोबारियों के इलाके में बेहतर प्रदर्शन किया है।

दूसरी तरफ, भाजपा ने नितिन पटेल को फिर से उपमुख्यमंत्री बनाकर नाराज पटेल समुदाय को भी अपने पास लाने की कोशिश की है।

भाजपा ने नितिन पटेल के उपमुख्यमंत्री बनाए रख पटेल समुदाय मे एक संदेश दिया है मेहसाणा से नितिन पटेल फिर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं।

मेहसाणा में पटेल आंदोलन के दौरान नितिन पटेल काफी विरोध का सामना करना पड़ा था, आखिरकार नितिन पटेल ने अपनी सीट बचा ली है।

गुजरात के सौराष्ट्र इलाके से विजय रूपाणी आते हैं। भाजपा को सौराष्ट्र इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान उठना पड़ा है।

सौराष्ट्र की 54 में से भाजपा को 23 सीटें ही मिली हैं जो कि पिछली बार की 35 की तुलना में 12 कम है। भाजपा को यह झटका गैर पटेल बेल्ट में मिला है।

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